एक छोटे से गाँव में रहने वाली एक सुंदर लड़की नाम था प्रिया। वह गाँव की सबसे प्रिय लड़की थी जिसकी सभी कमर्शियों में रौशनी भर देती थी। उसकी मासूमियत और सरलता को देखकर उसके गाँव वाले उसे बहुत पसंद करते थे। वह हमेशा खुश रहती थी और सबको हंसी-मजाक में शामिल करती थी। उसकी खुशी का कारण उसका घराना था जो किसी भी मुश्किल में भी साथ खड़ा रहता था।
एक दिन, गाँव में एक नए गाँव का युवक आया। उसका नाम था राजू और वह एक खुशमिजाज और धैर्यवान युवक था। प्रिया और राजू की मुलाकात हो गई और उनके बीच में दोस्ती की दोर बहुत तेजी से बंध गई। वे एक-दूसरे की सारी बातें सुनते और साथ वक्त बिताते थे।
धीरे-धीरे, दोनों की दोस्ती में प्यार की बुँदें बिखरने लगी। वे एक-दूसरे की बातों में खो जाते और सपने देखने लगे। उनकी ये बातें गाँव के लोगों ने देख ली थी, और वे दोनों के प्रेम का समर्थन करने लगे।
परंतु, दोनों के परिवार इस रिश्ते के खिलाफ थे। प्रिया के परिवार उसे गाँव के सबसे अमीर परिवार के लड़के से शादी कराना चाहते थे जबकि राजू के परिवार उसे उसकी कारोबार में हाथ बटाने को कह रहे थे। लेकिन प्रिया और राजू का प्यार इतना मजबूत था कि उन्होंने एक दिन अपने परिवारों को अपने निर्णय की घोषणा की।
उन्होंने अपने सपनों की राह पर चलते हुए एक दूसरे से शादी कर ली। शादी के बाद भी उनकी प्रेम कहानी में कई चुनौतियां आई, परंतु उन्होंने हर मुश्किल को साथ मिलकर पार किया। उनकी इस जिम्मेदारी और साथी बनी एक दूसरे की मजबूती ने उन्हें हमेशा साथ बनाए रखा।
आज भी गाँव के लोगों की जुबान पर प्रिया और राजू की प्यार भरी प्रेम कहानी हर शाम सुनाई देती है, जो उनके प्रेम की विजय और साहस का प्रतीक है।