Adani Market:-भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। अमेरिका की एक अदालत ने कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जाने पूरा मामला ?
Adani :-अडानी समूह, जिसे भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में गिना जाता है, इन दिनों बड़े विवाद में घिरा हुआ है। अमेरिका की एक अदालत ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और सात अन्य लोगों के खिलाफ रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला करीब 2,029 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है, जिसे लेकर अडानी समूह को एक बड़ा झटका लगा है।
क्या हैं आरोप?
अमेरिकी न्याय विभाग की उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर के अनुसार, अडानी समूह पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी।
- आरोप है कि रिश्वत के जरिए अडानी समूह ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए।
- इन प्रोजेक्ट्स की कीमत अरबों डॉलर में बताई जा रही है।
- यह भी दावा किया गया है कि समूह ने धोखाधड़ी और साजिश के तहत अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास किया।
अडानी समूह
इस मामले पर अडानी समूह ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
- समूह ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और उनका कोई कानूनी आधार नहीं है।
- उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वे इस मामले को कोर्ट में मजबूती से पेश करेंगे।
- अडानी समूह का दावा है कि उनका कारोबार हमेशा नियमों और नैतिकता के दायरे में रहा है।
इस विवाद के बाद अडानी समूह ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर (करीब 5,000 करोड़ रुपये) का एक बॉन्ड रद्द कर दिया है। माना जा रहा है कि यह निर्णय इस विवाद की वजह से लिया गया है।
क्यों उठा विवाद?
अमेरिकी अदालत का कहना है कि भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर अडानी समूह ने अनुचित तरीके से कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए।
- रिश्वतखोरी से जुड़ी रकम बहुत बड़ी है, जिसे 2,029 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
- इस मामले में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है।
ग्रीन एनर्जी में बड़ा ऐलान
दिलचस्प बात यह है कि ठीक एक दिन पहले अडानी समूह ने ग्रीन एनर्जी में बड़े निवेश की घोषणा की थी। उन्होंने सौर ऊर्जा और अन्य हरित ऊर्जा परियोजनाओं में भारी पूंजी लगाने का ऐलान किया था। लेकिन अब रिश्वतखोरी का यह मामला सामने आने के बाद समूह की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं।
- अडानी समूह की छवि पर असर
यह विवाद न केवल समूह की साख को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि उनके अंतरराष्ट्रीय कारोबार को भी प्रभावित कर सकता है। - वित्तीय संकट की संभावना
अगर अदालत में मामला गंभीर साबित होता है, तो समूह को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। - निवेशकों का विश्वास डगमगाना
इस विवाद के कारण निवेशकों का भरोसा कमजोर हो सकता है, जिससे अडानी समूह को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। यह मामला न केवल उनके समूह के लिए बल्कि भारत की व्यापारिक प्रतिष्ठा के लिए भी बड़ा झटका है। हालांकि, अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपना पक्ष मजबूत तरीके से रखने का दावा किया है। अब यह देखना होगा कि अदालत में इस मामले का क्या नतीजा निकलता है।
इस बीच, निवेशकों और आम जनता की नजरें इस मामले की हर एक नई जानकारी पर टिकी हुई हैं।