अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुरुवार की सुबह देश को झकझोर देने वाला एक भीषण विमान हादसा हुआ, जिसने पूरे देश को गम और सदमे में डुबो दिया। जाने इसके बारे में ? 

Ahmedabad Airport:-गुरुवार की सुबह देश के लिए एक दिल दहला देने वाली खबर लेकर आई। अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एक बड़ा विमान हादसा हो गया, जिसमें लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हो गई। इस हादसे में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स, यानी कुल 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। एक यात्री के जिंदा बचने की खबर है, लेकिन उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसा कैसे हुआ?
शुरुआती जानकारी के अनुसार, फ्लाइट ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद इंजन में खराबी के संकेत मिलने लगे। पायलट ने तुरंत कंट्रोल टावर से संपर्क कर आपातकालीन (इमरजेंसी) लैंडिंग की कोशिश की। अफसोस की बात यह रही कि विमान एयरपोर्ट के पास ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया और जमीन पर गिरते ही उसमें भीषण आग लग गई।
मौके पर पहुंची राहत टीमें
हादसे की खबर मिलते ही NDRF (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स), फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। लेकिन जब तक राहत कार्य शुरू हो पाता, तब तक विमान का मलबा पूरी तरह जल चुका था। हालात इतने खराब थे कि किसी भी शव की पहचान करना भी आसान नहीं था।
पुलिस कमिश्नर ने मीडिया को बताया,
“हमें अब तक किसी भी जीवित यात्री के मिलने की जानकारी नहीं मिली है। विमान का मलबा पूरी तरह जल चुका है और बचाव दल को शवों की पहचान तक करने में दिक्कत हो रही है।”
अब मृतकों की पहचान के लिए DNA टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है।
पूरा देश सदमे में
इस हादसे की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई और हर कोई इस त्रासदी पर शोक व्यक्त कर रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी इस दुर्घटना को “बहुत ही दुखद और गंभीर” बताया है। साथ ही एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इस हादसे की वजह क्या थी।
इंसानियत की सबसे बड़ी परीक्षा
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं था, बल्कि सैकड़ों परिवारों का जीवन उजड़ गया। कई लोग जो अपनों को एयरपोर्ट छोड़कर लौटे थे, उन्हें अब उनके वापस लौटने की उम्मीद भी नहीं रही। बच्चों के माता-पिता, बुजुर्गों के सहारे, और जीवनसाथियों की दुनिया एक झटके में बदल गई।
इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
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क्या विमान में पहले से कोई तकनीकी खराबी थी?
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टेकऑफ से पहले पूरी तरह से जांच हुई थी या नहीं?
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क्या पायलट को जरूरी तकनीकी मदद मिल सकी?
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और सबसे अहम – क्या भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं?
इन सभी सवालों के जवाब अब DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद मिल सकेंगे।
ये हादसा एक कड़वा सच है कि जब कोई हवाई यात्रा पर निकले, तो वह केवल मंज़िल तक पहुंचने की उम्मीद ही नहीं करता, बल्कि सुरक्षा की गारंटी भी चाहता है। लेकिन जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो पूरा सिस्टम, पायलट, टेक्नोलॉजी और सुरक्षा इंतजाम – सब पर सवाल उठते हैं।
अब जरूरत है एक ठोस और ईमानदार जांच की, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की तबाही का शिकार न हो।