Atom समझौते पर न माने तो ईरान पर बमबारी होगी, डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी चेतावनी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। जाने पूरी जानकारी ?
Atom  USA-TRUMP

 

Atom USA-TRUMP News:-अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर कोई नया समझौता नहीं किया, तो बमबारी होगी। ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि अमेरिका और ईरान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं।

ट्रंप ने दी धमकी: या समझौता करो, या बमबारी के लिए तैयार रहो

NBC न्यूज के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और ईरान के अधिकारियों के बीच कुछ बातचीत हुई है, लेकिन उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बेहद कड़े शब्दों में कहा,

“अगर वे समझौता नहीं करते, तो बमबारी होगी।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा,
“अगर वे समझौता नहीं करते, तो मैं उन पर चार साल पहले की तरह एक और टैरिफ (आर्थिक प्रतिबंध) भी लगा सकता हूं।”

ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि अमेरिका किसी भी हाल में यह नहीं चाहता कि ईरान के पास परमाणु हथियार हों।

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ईरान ने दिया जवाब – सीधी बातचीत से इनकार, लेकिन अप्रत्यक्ष वार्ता संभव

ट्रंप की धमकी के कुछ ही घंटे बाद, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करेगा, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया

पेजेशकियान ने अपनी कैबिनेट बैठक में कहा,

“हम बातचीत से नहीं भागते, लेकिन अमेरिका ने पहले भी वादे तोड़े हैं। अगर उन्हें भरोसा बनाना है, तो उन्हें साबित करना होगा कि वे अपने वादों को निभा सकते हैं।”

यह बयान दिखाता है कि ईरान अमेरिका पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करता और सीधे तौर पर बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है।

ट्रंप का पत्र और ईरान की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने हाल ही में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने ईरान से एक नया परमाणु समझौता करने का अनुरोध किया था। इस समझौते का मकसद यह था कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिश न करे।

हालांकि, ईरान हमेशा यह दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और वह सिर्फ ऊर्जा उत्पादन और वैज्ञानिक शोध के लिए इसे विकसित कर रहा है। लेकिन कुछ ईरानी अधिकारियों के बयानों से यह संकेत भी मिले हैं कि वे परमाणु हथियारों की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

ईरान की परमाणु गतिविधियों से दुनिया चिंतित

फरवरी में संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ईरान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम (जिसे परमाणु बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है) के उत्पादन की गति तेज कर दी है

यह खबर सामने आने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश चिंतित हो गए। इसी वजह से ट्रंप का बयान और उनकी धमकी अहम हो गई है।

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ट्रंप का पुराना रुख: 2015 के समझौते को तोड़ा, ईरान पर फिर से लगाए थे प्रतिबंध

डोनाल्ड ट्रंप जब 2017 से 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने 2015 के ईरान परमाणु समझौते (Joint Comprehensive Plan of Action – JCPOA) से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था। यह समझौता अमेरिका, ईरान और कुछ अन्य देशों के बीच हुआ था, जिसमें ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित करने का वादा किया था।

लेकिन ट्रंप ने इसे “बेहद कमजोर समझौता” बताया और ईरान पर दोबारा कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। इन प्रतिबंधों का असर यह हुआ कि ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई और देश में महंगाई बढ़ गई। इसके बाद ईरान ने भी अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से तेज कर दिया।

फिर से राष्ट्रपति बनने पर ट्रंप का क्या रुख रहेगा?

ट्रंप 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं। अगर वे चुनाव जीतते हैं, तो अमेरिका की विदेश नीति फिर से आक्रामक हो सकती है। ट्रंप का हमेशा से यह मानना रहा है कि ईरान को किसी भी हाल में परमाणु हथियार नहीं बनाने देना चाहिए

शनिवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा,

“मैंने ईरान को हाल ही में एक पत्र भेजा और कहा कि आपको जल्द फैसला लेना होगा – या तो बातचीत करो और मसले को सुलझाओ, या फिर बुरी चीजों के लिए तैयार रहो।”

उन्होंने आगे जोड़ा,

“मैं यह नहीं चाहता कि हालात बिगड़ें, मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता यही है कि हम ईरान के साथ इसे सुलझा लें। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ईरान के लिए बहुत बुरी चीजें होने वाली हैं।”

ट्रंप के इस बयान के बाद कई देशों ने चिंता जताई है।

  • रूस और चीन ने अमेरिका की इस धमकी की आलोचना की और कहा कि युद्ध कोई समाधान नहीं है

  • यूरोपीय संघ ने ईरान और अमेरिका से शांति वार्ता करने की अपील की

  • इजरायल, जो पहले से ही ईरान के खिलाफ सख्त रुख रखता है, उसने कहा कि अगर अमेरिका ने कार्रवाई की, तो वह उसका समर्थन करेगा।

डोनाल्ड ट्रंप का बयान दिखाता है कि अगर वे फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं, तो ईरान पर कड़ा रुख अपनाएंगे। उन्होंने सीधे-सीधे “बमबारी” की धमकी दी है, जो दर्शाता है कि अमेरिका सैन्य कार्रवाई करने को भी तैयार हो सकता है।

लेकिन ईरान ने भी झुकने से इनकार कर दिया है। उसने सीधी बातचीत से इनकार किया, लेकिन अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावना को खुला रखा

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