Bangladesh News:- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री अपने ही देश से भागकर भारत में शरण लिया ऐसा माना जाता है , लेकिन बांग्लादेश में हो रहे है हिन्दुओ पर अत्यचार रुकने का नाम नहीं ले रहे है इसी पर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री इन हिन्दुओ को बचाने की गुहार सरकार से लगाई है , जाने पूरी खबर….. 

Bangladesh News:-बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की घटनाएं एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में नोआखाली के सेनबाग इलाके में जो घटना घटी, उसने इस चिंता को और भी गहरा कर दिया है। इस घटना में 10 से 12 कट्टरपंथियों की एक भीड़ ने दिनदहाड़े एक हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया। लड़की मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। इसके बाद उन कट्टरपंथियों ने लड़की को वैन में डालकर अपने साथ ले गए।
इस घटना के बाद, बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। माना जा रहा है कि यह घटना उन बढ़ते हमलों और अत्याचारों का एक और उदाहरण है जो तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हो रहे हैं। हालांकि, बाद में सेना की मदद से लड़की को छुड़ा लिया गया, लेकिन इस बात पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया है या नहीं। इस मामले पर बांग्लादेश के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है।
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हिंदू परिवारों पर हमले
इस घटना के अलावा, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ कई अन्य हमले भी हो रहे हैं। कट्टरपंथी ताकतें हिंदुओं के घरों में जबरन घुसने की कोशिश कर रही हैं। हाल ही में एक अन्य घटना में, कट्टरपंथियों ने दरवाजे और खिड़कियां तोड़कर घर में घुसने का प्रयास किया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। हिंदू महिलाएं और लड़कियां डर के मारे जोर-जोर से चीखने लगीं, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया।
इस तरह की घटनाओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंदू परिवार न केवल लूट का शिकार हो रहे हैं, बल्कि उनके जीवन और सम्मान पर भी खतरा मंडरा रहा है। दुर्भाग्य से, इन अत्याचारों के खिलाफ कोई मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी
बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी भी हैरान करने वाली है। संयुक्त राष्ट्र, जो भारत में छोटी-छोटी घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया देता है, इस मामले में पूरी तरह खामोश है। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन भी इस मामले में आंखें मूंदे हुए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका, जो अक्सर भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाता है, वह भी इस मामले में एक शब्द नहीं कह रहा है।
गिरिराज सिंह का बयान: इस बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गाजा और फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग इजरायल का विरोध करके गाजा का समर्थन कर रहे थे, उन्हें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं दे रहे। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल सनातन धर्म को मिटाना चाहते हैं और बांग्लादेश जैसे हालात भारत में भी पैदा करना चाहते हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान
इन घटनाओं के बाद, बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी एक बयान देकर सनसनी फैला दी है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और सवाल किया कि अगर भारत में भी ऐसी स्थिति पैदा होती है, तो भारत के हिंदू कहां जाएंगे?
धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू राष्ट्र की मांग: पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की अपनी मांग को दोहराया और कहा कि यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कम से कम एक देश तो ऐसा होना चाहिए जो हिंदुओं के लिए सुरक्षित हो। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन जाता है, तो अन्य धर्मों के लोग भी यहां सुरक्षित रहेंगे, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि भारत में हिंदुओं को सुरक्षित वातावरण मिले।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की घटनाएं और इन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी, एक गहरे सवाल को जन्म देती है। क्या मानवाधिकार केवल कुछ चुनिंदा समूहों के लिए ही महत्वपूर्ण हैं? हिंदुओं पर हो रहे इन अत्याचारों को कब तक नजरअंदाज किया जाएगा? इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गंभीरता से विचार करना होगा।
जब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और बांग्लादेश सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेते, तब तक हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल बने रहेंगे।