Bermuda Triangle:-ऐसा क्या है Bermuda Triangle में जा जाने वाला प्लेन और कुछ अन्य चीज वहा जाकर समा जाती है और वहा वापस आने की कोई गारंटी नहीं है ?
Bermuda Triangle:-बरमूडा ट्रायंगल, जिसे “डेविल्स ट्रायंगल” भी कहा जाता है, एक रहस्यमयी क्षेत्र है जो अटलांटिक महासागर में स्थित है। यह क्षेत्र मियामी, बरमूडा और प्यूर्टो रिको के बीच फैला हुआ है। इस त्रिकोणीय क्षेत्र ने सदियों से वैज्ञानिकों, नाविकों और रहस्यप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां कई जहाज और विमान बिना किसी निशान के गायब हो चुके हैं, जिससे यह स्थान अनेकों कथाओं और सिद्धांतों का केंद्र बन गया है। आइए, इस रहस्यमयी जगह के बारे में विस्तार से जानें।
बरमूडा ट्रायंगल का इतिहास
बरमूडा ट्रायंगल का पहला उल्लेख 1950 के दशक में सामने आया जब कुछ लेखक और पत्रकारों ने इस क्षेत्र में हो रही रहस्यमयी घटनाओं पर ध्यान देना शुरू किया। लेकिन यह क्षेत्र 1945 में उस समय व्यापक चर्चा में आया जब अमेरिकी नौसेना का एक स्क्वाड्रन, जिसे “फ्लाइट 19” कहा जाता था, इस क्षेत्र में प्रशिक्षण उड़ान के दौरान गायब हो गया। इस घटना के बाद से ही बरमूडा ट्रायंगल दुनिया भर में एक रहस्य बन गया।
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रहस्यमयी घटनाएं और गायबियाँ
बरमूडा ट्रायंगल में कई घटनाएं ऐसी घटी हैं जो आज भी अनसुलझी हैं। इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं:
- फ्लाइट 19: 5 दिसंबर 1945 को अमेरिकी नौसेना के पांच टीबीएम एवेंजर टॉरपीडो बॉम्बर्स ने फ्लोरिडा से उड़ान भरी, लेकिन वे कभी वापस नहीं लौटे। इस घटना के दौरान, विमानों के पायलटों ने दिशा खो दी और बाद में उनका संपर्क टूट गया।
- यूएसएस साइक्लोप्स: 1918 में, अमेरिकी नौसेना का यह विशाल कोयला परिवहन जहाज 309 क्रू मेंबर्स के साथ गायब हो गया। आज तक इसका कोई निशान नहीं मिला है।
- डीसी-3 एयरलाइनर: 28 दिसंबर 1948 को, यह यात्री विमान 32 लोगों के साथ प्यूर्टो रिको से मियामी के लिए उड़ान भरते समय गायब हो गया। विमान का कोई मलबा या निशान नहीं मिला।
संभावित सिद्धांत
बरमूडा ट्रायंगल की घटनाओं के पीछे कई सिद्धांत पेश किए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
- भौगोलिक और मौसम संबंधी कारण: कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अत्यधिक मौसम परिवर्तन और समुद्री तूफानों के कारण हादसे होते हैं। यहां के समुद्री तल में स्थित गहरे गड्ढे और चट्टानों के कारण भी जहाजों के डूबने की संभावना है।
- मेथेन हाइड्रेट गैस: समुद्र की तलहटी में स्थित मेथेन हाइड्रेट गैस के कारण पानी में गैस बुलबुले बनते हैं, जिससे पानी का घनत्व कम हो जाता है और जहाज डूब सकते हैं।
- मानव त्रुटि: पायलटों और नाविकों की दिशा भ्रम और नेविगेशन में गलती के कारण भी हादसे हो सकते हैं। इस क्षेत्र में दिशा यंत्र (कंपास) का विचलन भी एक कारण हो सकता है।
- विदेशी जीवन और यूएफओ: कुछ लोग मानते हैं कि बरमूडा ट्रायंगल में एलियन गतिविधियां होती हैं और यूएफओ के कारण जहाज और विमान गायब हो जाते हैं। हालांकि, इस सिद्धांत के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
विज्ञान और शोध
बरमूडा ट्रायंगल के रहस्यों को सुलझाने के लिए कई वैज्ञानिक अनुसंधान और शोध किए गए हैं। समुद्र विज्ञानियों और मौसम वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र की विस्तृत जांच की है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल पाया है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य वास्तव में प्राकृतिक घटनाओं का परिणाम है, जबकि अन्य इसे महज एक मिथक मानते हैं।
बरमूडा ट्रायंगल एक रहस्यमयी और रोमांचक स्थान है जिसने सदियों से लोगों को आकर्षित किया है। इसकी अनसुलझी गुत्थियों ने अनेक कथाओं और सिद्धांतों को जन्म दिया है। हालांकि विज्ञान ने कुछ रहस्यों को उजागर करने की कोशिश की है, लेकिन बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य आज भी जीवित है। यह स्थान हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी दुनिया में अभी भी कई रहस्य हैं जिन्हें हमें सुलझाना बाकी है। इस क्षेत्र के रहस्यों को जानने की यात्रा जारी है और शायद भविष्य में हम इस गुत्थी को सुलझाने में सफल हो सकें।