Chhattisgarh News:-छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी 2025 को एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। जाने इसके बारे में ? 

Chhattisgarh News;-छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 33 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी 2025 को एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। मुकेश 1 जनवरी की रात से लापता थे, और यह मामला धीरे-धीरे राज्य की राजनीति और पत्रकारिता जगत में चर्चा का केंद्र बन गया है।
मुकेश चंद्राकर कौन थे?
मुकेश चंद्राकर एक निडर और समर्पित पत्रकार थे। वे ‘एनडीटीवी’ के लिए स्वतंत्र पत्रकारिता करते थे और इसके साथ ही ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाते थे। इस चैनल पर वे बस्तर के आदिवासी इलाकों से जुड़ी खबरें और समस्याओं को उजागर करते थे। उनकी पत्रकारिता ने उन्हें बस्तर के माओवादी प्रभावित इलाकों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया था।
मुकेश ने कई बार माओवादियों द्वारा अपहृत पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों की रिहाई में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। उनका काम जोखिम भरा था, लेकिन उनके प्रयासों ने कई लोगों की जान बचाई।
घटना
लापता होने से लेकर शव मिलने तक की कहानी
- 1 जनवरी 2025 की शाम:
मुकेश आखिरी बार अपने घर में देखे गए। उसी दिन उनकी मुलाकात अपने रिश्तेदार और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से होनी थी। - 2 जनवरी की सुबह:
मुकेश घर पर नहीं थे और उनका फोन बंद हो गया। जब उनके बड़े भाई यूकेश चंद्राकर को इस बात की खबर लगी, तो उन्होंने उनके दोस्तों और जान-पहचान वालों से संपर्क करना शुरू किया। - पुलिस में रिपोर्ट:
जब मुकेश का कोई पता नहीं चला, तो उनके भाई ने शाम को पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। - 3 जनवरी को पुलिस की जांच:
पुलिस ने मुकेश के मोबाइल की अंतिम लोकेशन ट्रेस की। लोकेशन से पता चला कि वह ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के मज़दूरों के लिए बनाए गए आवासीय कैंपस में आखिरी बार मौजूद थे। - सेप्टिक टैंक से शव बरामद:
जांच के दौरान, पुलिस को सुरेश के कैंपस में एक ताज़ा कंक्रीट से ढंका सेप्टिक टैंक मिला। शक होने पर जब टैंक की खुदाई की गई, तो उसमें मुकेश का शव पाया गया।Noise Smartwatches Starting @ Rs 1099 Only
शव पर गहरे चोट के निशान
पुलिस ने बताया कि शव पर गहरे चोटों के निशान थे, जिससे यह साफ हो गया कि उनकी हत्या की गई थी।
हत्या के पीछे की वजह?
मुकेश ने कुछ समय पहले एनडीटीवी पर एक खबर चलाई थी, जिसमें ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की बनाई सड़क में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।
मुकेश के भाई का आरोप है कि इसी खबर की वजह से ठेकेदार ने उनसे रंजिश पाल ली थी और उनकी हत्या कर दी।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक सुरेश चंद्राकर हैं, जो रिश्ते में मुकेश के दूर के रिश्तेदार हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इन संदिग्धों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।
राजनीतिक
इस घटना के बाद राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।
- बीजेपी का आरोप: बीजेपी ने कहा कि सुरेश चंद्राकर का संबंध कांग्रेस से है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए पूछा, “क्या कांग्रेस ने सुरेश को संरक्षण दिया?”
- कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा:
“यह घटना दिल दहला देने वाली है। दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिलेगी।”
मुकेश चंद्राकर की मौत
मुकेश की हत्या ने पूरे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। उनकी हत्या ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना इतना खतरनाक हो सकता है?
यह मामला अब न केवल एक हत्या की जांच का हिस्सा है, बल्कि पत्रकारिता की आज़ादी और सुरक्षा का प्रतीक बन गया है।