अगर आप Google Chrome यूजर हैं, तो सतर्क हो जाइए। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने लोकप्रिय वेब ब्राउजर Google Chrome में दो खतरनाक कमजोरियों का पता लगाया है, जाने पूरी खबर ? 

Google Chrome Feature :-अगर आप Google Chrome ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम), ने Chrome में दो गंभीर कमजोरियों के बारे में चेतावनी जारी की है। ये कमजोरियां आपके कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
क्या है मामला?
CERT-In के मुताबिक, Google Chrome ब्राउजर में दो सुरक्षा खामियां पाई गई हैं, जो मुख्य रूप से Windows, Mac और Linux यूजर्स को प्रभावित कर सकती हैं। स्मार्टफोन यूजर्स पर इसका कोई असर नहीं है। इन कमजोरियों का फायदा उठाकर साइबर अपराधी आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में सेंध लगा सकते हैं और आपके निजी डेटा को चुरा सकते हैं।
Chrome में कौन सी कमजोरियां हैं?
CERT-In ने साफ किया है कि इन कमजोरियों का तकनीकी नाम CIVN-2025-0099 है। ये कमजोरियां Chrome ब्राउजर के दो महत्वपूर्ण हिस्सों में पाई गई हैं:
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Loader Component में अपर्याप्त नीति प्रवर्तन (Insufficient Policy Enforcement)
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इसका मतलब यह है कि Chrome का वह हिस्सा, जो नए प्रोग्राम लोड करता है, वह ठीक से सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहा है।
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इसका फायदा उठाकर कोई भी हैकर आपको धोखे से किसी खास वेबसाइट पर भेज सकता है और आपका डेटा चुरा सकता है।
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Mojo में इंटर-प्रोसेस कम्युनिकेशन (IPC) में गड़बड़ी
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Mojo एक सिस्टम है जो Chrome में अलग-अलग प्रक्रियाओं के बीच संचार को नियंत्रित करता है।
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यहां गलत प्रबंधन के कारण कोई भी साइबर अपराधी आपके सिस्टम पर नियंत्रण हासिल कर सकता है।
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आपके सिस्टम को कैसे हो सकता है नुकसान?
इन कमजोरियों की वजह से साइबर अपराधी आपके सिस्टम पर दूर से हमला कर सकते हैं। वे आपको एक ऐसी वेबसाइट पर जाने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जहां उनका प्रोग्राम पहले से छुपा हुआ है। जैसे ही आप उस वेबसाइट पर जाएंगे:
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आपके सिस्टम में वायरस या मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है।
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आपका निजी डेटा, पासवर्ड, बैंकिंग जानकारी या अन्य संवेदनशील डेटा चुराया जा सकता है।
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आपका सिस्टम क्रैश हो सकता है या उसकी परफॉर्मेंस खराब हो सकती है।
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हमलावर आपके कंप्यूटर को दूर से नियंत्रित कर सकते हैं।
कौन-कौन से यूजर्स हैं खतरे में?
CERT-In के मुताबिक, यह खतरा उन सभी यूजर्स के लिए है जो Google Chrome का पुराना वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं:
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Windows और Mac यूजर्स: जिनके पास Chrome का वर्जन 136.0.7103.113/.114 से पहले का है।
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Linux यूजर्स: जिनके पास Chrome का वर्जन 136.0.7103.113 से पहले का है।
कैसे करें खुद को सुरक्षित?
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अपने Google Chrome ब्राउजर को तुरंत अपडेट करें।
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Chrome को अपडेट करने के लिए:
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Chrome खोलें।
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ऊपर दाईं ओर तीन बिंदु (Menu) पर क्लिक करें।
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“Help” में जाएं और “About Google Chrome” पर क्लिक करें।
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यहां Chrome ऑटोमैटिकली अपडेट होना शुरू हो जाएगा।
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अज्ञात या संदिग्ध वेबसाइटों पर जाने से बचें।
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अपने सिस्टम पर एक अच्छा एंटीवायरस प्रोग्राम इंस्टॉल रखें।
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अपने ब्राउजर और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें।
क्यों जरूरी है ब्राउजर अपडेट करना?
जब भी किसी ब्राउजर में सुरक्षा खामियां पाई जाती हैं, तो डेवलपर्स (जैसे Google) उनके लिए सुरक्षा पैच जारी करते हैं। ये पैच आपके ब्राउजर की सुरक्षा को मजबूत करते हैं और साइबर अपराधियों के लिए उन खामियों का फायदा उठाना मुश्किल बना देते हैं। इसलिए Chrome को लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करना ही आपकी सुरक्षा की गारंटी है।
CERT-In भारत की आधिकारिक साइबर सुरक्षा एजेंसी है, जो देशभर में ऑनलाइन खतरों की निगरानी करती है। अगर यह एजेंसी कोई चेतावनी जारी करती है, तो उसका मतलब है कि खतरा असली और गंभीर है। इसलिए Chrome यूजर्स को तुरंत अपने ब्राउजर को अपडेट करना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।