Congress को इनकम टैक्स में बड़ा झटका, 199 करोड़ की टैक्स छूट हुई रद्द

चुनाव नजदीक हैं और देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। मामला है करीब 199.15 करोड़ रुपये की इनकम टैक्स छूट का, जिसे इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल (ITAT) ने खारिज कर दिया है, जाने इसके बारे में ? Congress

 

Congress News:-2024 के चुनाव नजदीक हैं और इस बीच कांग्रेस को एक बड़ा आर्थिक झटका लगा है। मामला है करीब ₹199.15 करोड़ की इनकम टैक्स छूट का, जिसे इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल (ITAT) ने ठुकरा दिया है। इस फैसले के बाद अब कांग्रेस को यह मोटी रकम सरकार को टैक्स के रूप में चुकानी पड़ सकती है।

अब सवाल उठता है – कांग्रेस ने यह छूट क्यों मांगी थी? ट्रिब्यूनल ने इसे क्यों ठुकरा दिया? और क्या कांग्रेस को अभी टैक्स देना ही होगा या उसके पास कोई और विकल्प है?

चलिए, आपको इस पूरे मामले को एक-एक करके आसान भाषा में समझाते हैं

🧾 कांग्रेस ने क्यों मांगी थी टैक्स छूट?

कांग्रेस ने कहा था कि 2018-19 में उसे जो आय हुई, उस पर टैक्स नहीं लगना चाहिए क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी है।
भारत के इनकम टैक्स कानून में एक खास धारा 13A है, जो राजनीतिक दलों को कुछ शर्तों के साथ टैक्स छूट देती है।

🔍 धारा 13A के तहत टैक्स छूट कब मिलती है?

अगर कोई पार्टी इन सभी नियमों का पालन करती है, तो उसे टैक्स नहीं देना होता:

  1. पार्टी का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।

  2. हर साल की ऑडिटेड अकाउंट रिपोर्ट समय पर जमा होनी चाहिए।

  3. अगर कोई चंदा ₹50,000 से ज्यादा है, तो उसका स्रोत बताना अनिवार्य है।

  4. तय समयसीमा में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल होना चाहिए।

  5. छूट सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों, मेंबरशिप फीस, और डोनेशन की कमाई पर मिलती है।

❌ कांग्रेस से क्या चूक हुई?

आयकर विभाग ने कहा कि कांग्रेस ने इन जरूरी नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया, खासकर:

  • ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा नहीं की गई।

  • कुछ अन्य दस्तावेज भी देरी से या अधूरे थे।

इस वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस के टैक्स छूट के दावे को खारिज कर दिया।

⚖️ ITAT का सख्त फैसला: नियम सबके लिए बराबर

इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल (ITAT) ने कहा कि जब तक कोई राजनीतिक पार्टी हर नियम और शर्त का पालन नहीं करती, तब तक उसे टैक्स छूट नहीं दी जा सकती — फिर चाहे वो कांग्रेस ही क्यों न हो।

अब कांग्रेस को पूरे ₹199.15 करोड़ टैक्स के रूप में चुकाने पड़ सकते हैं।

🗳️ चुनाव से पहले झटका – बीजेपी का हमला

यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब चुनाव नजदीक हैं और कांग्रेस पहले से ही फंडिंग की चुनौतियों से जूझ रही है।

बीजेपी ने इस मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“जो पार्टी पारदर्शिता (transparency) की बात करती है, वही खुद टैक्स देने से बच रही है।”

🚨 अब आगे क्या? कांग्रेस क्या कर सकती है?

  1. ITAT का आदेश अंतिम नहीं है
    कांग्रेस चाहे तो इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दे सकती है।

  2. अगर कांग्रेस ऊपरी अदालत में जाती है और स्टे (Stay) नहीं मिलता,
    तो उसे टैक्स विभाग द्वारा भेजे गए डिमांड नोटिस के अनुसार यह राशि भरनी होगी।

  3. आमतौर पर इनकम टैक्स नोटिस के बाद पार्टी को 30 दिन के अंदर टैक्स जमा करना होता है

इस पूरे मामले से एक बात साफ हो जाती है — कानून सबके लिए बराबर है
राजनीतिक दल हो या आम नागरिक, अगर नियम पूरे नहीं किए गए, तो टैक्स छूट का हक नहीं बनता

कांग्रेस को अब तय करना है कि वो इस फैसले को चुनौती देती है या टैक्स चुकाती है
लेकिन इतना तय है कि चुनावी मौसम में यह फैसला पार्टी के लिए एक बड़ा झटका बनकर सामने आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *