Covid-19 JN.1 Variant:-Covid-19 बढ़ रहा है कहर कुछ ही दिन में आ गए इतने मरीज , हो गई 16 की मौत !

Covid-19 JN.1 Variant:-कोरोना वायरस का एक फिर कहर देखने को मिला है भारत में कुछ ही दिन कोरोना के मरीज में तेजी आए ही है देशभर में इसकी संख्या 2300 से ज्यादा हो चुकी है , जाने पूरी खबर ! Covid-19 JN.1 Variant

Covid cases in India: साल 2020 में भारत में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिला था और यह साल सब भारतीय को याद रहेगा पर कुछ दिन के बाद स्थिति सामान्य हो गई थी लेकिन एक बार फिर कोरोना वायरस तेजी से इंडिया के अंदर फ़ैल रहा है जिसके कारण देशभर में 2300 से भी ज्यादा कोरोना मरीज हो गए है।, और पिछले कुछ दिनों में 16 कोरोना मरीज के मोत हो गई है , जो इंडिया में कोरोना का एक वेरियंट है उसका नाम वेरिएंट जेएन.1 का पता चला है यह तेजी से इंडिया को कवर कर रहा है 

भारत के कुछ राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखने को मिले है , केरल और कर्नाटक सरकार ने एडवाइजरी जारी क्र दी गई है. केरल और कर्नाटक में अब 60 वर्ष से अधिक और बीमार लोगों को मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है. कोरोना के केस बढ़ने की वजह जेएन.1 वेरिएंट को माना जा रहा है. ये कोरोना के वेरिएंट BA.2.86 का ही एक प्रकार है.

कोरोना के मामले :- भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 341 केस दर्ज किए गए हैं. हाल ही में केरल में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। केरल में कोरोना के नए मामलों में वृद्धि के लिए एक नए वेरिएंट JN.1 को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। JN.1 वेरिएंट पहली बार भारत में केरल में ही पाया गया था।इनमें से 292 मामले केरल में सामने आए हैं. वहीं, केरल में पिछले 24 घंटे में कोरोना से तीन लोगों की मौत भी हो गई है. केरल में इस समय कोरोना के कुल एक्टिव केसों की संख्या 2041 है. वहीं, दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे नंबर पर गोवा है जहां 79 और 23 मामले दर्ज किए गए हैं.

कितना खतरनाक है जेएन.1 वेरिएंट? जाने:-WHO ने कहा कि मौजूदा रिपोर्ट के आधार पर जेएन.1 से अभी उतना खतरनाक या जानलेवा नहीं है। WHO ने यह भी कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं।हालांकि ये वेरिएंट तेजी से म्यूटेट हो रहा है इसलिए इसे लेकर परेशानी ये है कि ये कहीं म्यूटेट होकर खतरनाक ना हो जाए. जो इसकी संक्रामकता और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से बचने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

 

 

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