एक हंसती-खेलती औरत, एक खुशहाल परिवार… लेकिन इस परिवार की खुशियां कब मातम में बदल गईं, किसी को पता ही नहीं चला। एक-एक कर घर के लोग मरते गए, और हर मौत के पीछे छिपा था एक ही नाम – जॉली जोसेफ। जाने पूरी कहानी ? 

Jolly Joseph:-“एक परिवार, जहां प्यार और अपनापन होना चाहिए था, वहां मौतें हो रही थीं। कोई बीमारी नहीं, कोई एक्सीडेंट नहीं—बस एक के बाद एक लोग खत्म होते गए। और ये सब किसी और ने नहीं, बल्कि घर की ही बहू ने किया।”
नेटफ्लिक्स की 2023 में आई डॉक्यूमेंट्री “करी एंड साइनाइड: द जॉली जोसेफ केस” इस चौंका देने वाले अपराध की परतें खोलती है। ये कहानी है केरल के कूडथायि गांव की, जहां 14 सालों में 6 हत्याएं हुईं, और किसी को भनक तक नहीं लगी कि ये सभी मौतें एक ही इंसान—जॉली जोसेफ की वजह से हो रही हैं।
कैसे शुरू हुई ये डरावनी कहानी?
साल 1997, जॉली जोसेफ की शादी रॉय थॉमस से हुई। शादी के बाद उसने अपने परिवार को बताया कि वह एमकॉम पास है और कोझिकोड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में लेक्चरर है। सबने उसकी बात मान ली, क्योंकि जॉली पढ़ी-लिखी और संस्कारी लड़की लगती थी।
पर असल में, जॉली ने सबको झूठ बोला था। उसकी न तो कोई डिग्री थी, न ही कोई नौकरी। लेकिन ये झूठ तो बस एक छोटी सी शुरुआत थी, असली खौफनाक खेल तो आगे होने वाला था।
पहली मौत: सास की हत्या (2002)
रॉय की मां अन्नमा थॉमस, जो कि एक सख्त और अनुशासनप्रिय महिला थीं, जॉली पर शक करने लगीं। उन्हें लगता था कि उनकी बहू की जिंदगी में कुछ गड़बड़ है।
सास चाहती थी कि जॉली नौकरी करे, लेकिन जॉली को घर पर ही रहकर सब कंट्रोल करना था। ऐसे में 2002 में अचानक अन्नमा की मौत हो गई। सबने सोचा कि शायद दिल का दौरा पड़ा होगा। किसी ने पोस्टमार्टम नहीं करवाया, और मामला रफा-दफा हो गया।
लेकिन हकीकत ये थी कि जॉली ने चिकन करी में सायनाइड मिलाकर सास को मार दिया था।
दूसरी मौत: ससुर भी नहीं बचे (2008)
सास की मौत के बाद घर की कमान जॉली के हाथ में आ गई। अब वह घर में अपनी मर्जी चलाने लगी।
लेकिन जॉली की एक और मर्द से नज़दीकियां बढ़ रही थीं। जब उसके ससुर टॉम थॉमस को इस बात का शक हुआ, तो उन्हें रास्ते से हटाना जरूरी हो गया।
2008 में अचानक टॉम थॉमस की भी मौत हो गई। सबने इसे भी कुदरती मौत मान लिया, लेकिन असल में जॉली ने उन्हें भी जहर दे दिया था।
अब जायदाद, घर और पावर पूरी तरह जॉली के हाथ में थी।
तीसरी मौत: पति की हत्या (2011)
रॉय थॉमस को इस बात की भनक लगने लगी थी कि घर में कुछ गलत हो रहा है। उसे अपनी पत्नी पर शक हो रहा था।
फिर 2011 में एक दिन, रॉय ने खाना खाया और बाथरूम चला गया। कुछ ही देर बाद वह बाथरूम में मृत पाया गया।
इस बार घर के एक अंकल ने कहा कि पोस्टमार्टम होना चाहिए। जब रिपोर्ट आई तो सबके होश उड़ गए—रॉय के शरीर में सायनाइड मिला था।
जॉली ने इसे सुसाइड का मामला बताकर पुलिस को गुमराह कर दिया। उसने कहा कि रॉय पर कर्ज था, इसलिए उसने खुदकुशी कर ली।
पुलिस ने ज्यादा जांच नहीं की, और मामला वहीं खत्म हो गया। लेकिन हत्याओं का सिलसिला अभी भी जारी था।
चौथी मौत: अंकल को भी खत्म कर दिया (2014)
अब तक जॉली पर किसी को शक नहीं हुआ था। वह परिवार में “मासूम” बनकर राज कर रही थी।
2014 में, अंकल मैथ्यू की कॉफी पीने के बाद अचानक मौत हो गई। परिवार ने इसे भी सामान्य मौत मान लिया।
लेकिन जॉली के दिमाग में एक और प्लान चल रहा था।
पांचवीं और छठी मौत: मां और बेटी की हत्या (2016)
जॉली अपने देवर साजू थॉमस से शादी करना चाहती थी। लेकिन साजू पहले से शादीशुदा था और उसकी एक बेटी भी थी।
इसलिए 2016 में, साजू की पत्नी सिली और उनकी दो साल की बेटी अल्फाइन अचानक मर गईं।
ये दोनों भी सायनाइड से मारी गईं। अब रास्ते में कोई नहीं बचा था, और जॉली ने साजू से शादी कर ली।
कैसे पकड़ी गई जॉली?
इतनी मौतों के बाद भी जॉली बेफिक्र घूम रही थी। लेकिन एक दिन उसकी ननद को शक हो गया।
- जब ससुर की वसीयत के पेपर देखे गए, तो उनमें स्टांप और जरूरी दस्तावेज गायब थे।
- फिर जब जॉली से पूछताछ हुई, तो उसने हर बार अलग-अलग कहानी बताई।
- ननद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और 2019 में केस दोबारा खोला गया।
पुलिस ने 2019 में जॉली को गिरफ्तार कर लिया।
जॉली ने कैसे दिया मौत का जहर?
पुलिस पूछताछ में जॉली ने कबूल किया कि उसने सायनाइड का इस्तेमाल किया था।
- सास और पति को उसने चिकन करी में जहर मिलाकर मारा।
- अंकल और ससुर को कॉफी में जहर दिया।
- साजू की पत्नी और बेटी को भी जहरीला खाना खिलाया।
न्याय और सजा
अब जॉली जेल में है, और कोर्ट में मामला चल रहा है।
- पुलिस ने 6 हत्याओं का चार्ज लगाया है।
- नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री में ये पूरा मामला दिखाया गया है।
डॉक्यूमेंट्री क्यों देखनी चाहिए?
- रियल केस पर आधारित है – यह भारत के सबसे सनसनीखेज़ केस में से एक है।
- गहरी जांच-पड़ताल – इसमें कैसे पुलिस ने 14 साल पुरानी हत्याओं को खोला, ये दिखाया गया है।
- शानदार विजुअल्स और डायरेक्शन – क्रिस्टोफर टॉमी ने इसे बेहतरीन तरीके से पेश किया है।
अगर सच्ची क्राइम स्टोरीज़ आपको पसंद हैं, तो “करी एंड साइनाइड: द जॉली जोसेफ केस” जरूर देखें!
ये केस बताता है कि कभी-कभी हंसता-खेलता इंसान भी सबसे बड़ा अपराधी हो सकता है।
जॉली को पैसे और ताकत की लालच थी, और इसके लिए उसने अपनों को ही मौत के घाट उतार दिया।
लेकिन सच ज्यादा दिनों तक छिप नहीं सकता—और आखिरकार जॉली को अपने अपराधों की सजा मिली।