भारत सरकार फिलहाल इस बात पर विचार कर रही है कि देशभर में पुराने सिम कार्ड्स को बदला जाए। ये कदम इसलिए उठाया जा सकता है, जाने इसके पीछे का कारण ? 

SIM Cards:-अगर आप अभी भी पुराने सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। हो सकता है कि जल्द ही आपको अपना सिम बदलना पड़े। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार पुराने सिम कार्ड्स को बदलने पर विचार कर रही है — और इसकी वजह है देश की साइबर सुरक्षा।
🚨 क्यों उठ रहा है ये मुद्दा?
देश की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया गया है कि कुछ पुराने सिम कार्ड्स में इस्तेमाल होने वाले चिपसेट्स चीन से आए थे। ये बात सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है कि कहीं इन चिप्स के जरिए जासूसी या डेटा चोरी जैसी गतिविधियां तो नहीं हो रहीं।
जांच की रिपोर्ट नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) और गृह मंत्रालय के पास पहुंची, और उन्होंने इस पर गंभीरता से कदम उठाना शुरू कर दिया है।
🤝 क्या कहती है टेलीकॉम कंपनियों से हुई मीटिंग?
NCSC ने Reliance Jio, Airtel और Vi जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ एक बैठक की। इस मीटिंग में दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे। इसमें दो अहम बातें सामने आईं:
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टेलीकॉम कंपनियों को अब अपने संसाधनों की खरीद में ज्यादा सतर्क रहना होगा।
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पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की सिफारिश पर चर्चा की गई।
🧩 सिम कार्ड आखिर बनते कैसे हैं?
ज़्यादातर टेलीकॉम कंपनियां सिम कार्ड खुद नहीं बनातीं। ये काम वे कुछ चुने हुए विक्रेताओं (vendors) को आउटसोर्स करती हैं। ये विक्रेता:
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वियतनाम और ताइवान जैसे देशों से चिप्स मंगाते हैं,
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फिर उन्हें भारत में असेंबल और पैक करके
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मोबाइल कंपनियों को डिलीवर करते हैं।
इन विक्रेताओं को एक “विश्वसनीय सप्लायर” की सूची में शामिल किया जाता है — यानी इनसे खरीद करना अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है।
⚠️ गड़बड़ी कहां हुई?
यहीं पर बात बिगड़ी। कुछ विक्रेताओं ने अपने विश्वसनीय स्रोत होने के प्रमाणपत्र का गलत इस्तेमाल किया। शुरुआत में तो उन्होंने यही दावा किया कि उनके सिम कार्ड्स के चिप्स वियतनाम या ताइवान से आए हैं। लेकिन जब गहराई से जांच हुई, तो सामने आया कि कुछ चिप्स असल में चीन से आए थे।
चीन से आए इन चिप्स के चलते डेटा लीक, जासूसी या साइबर अटैक जैसी आशंकाएं जताई जा रही हैं।
🔄 अब आगे क्या?
सरकार इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला मान रही है, इसलिए जल्द ही यह संभव है कि:
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पुराने सिम कार्ड्स को चरणबद्ध तरीके से बदला जाए,
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टेलीकॉम कंपनियों को नए दिशा-निर्देश दिए जाएं,
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और चिपसेट सप्लायर्स की सख्ती से जांच की जाए।
🧠 यूज़र क्या करें?
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अगर आप कई सालों से एक ही सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें और सिम बदलने की जानकारी लें।
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किसी भी संदिग्ध मैसेज, कॉल या ऐप से सावधान रहें।
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अपने मोबाइल में दो-स्तरीय सुरक्षा (2FA) का इस्तेमाल करें।
👉 सुरक्षा कोई छोटी चीज नहीं है। आज जब हमारी ज़िंदगी मोबाइल में समा गई है, तो सिम कार्ड जैसी छोटी चीज़ भी बड़ा खतरा बन सकती है।