आज के दौर में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। जाने इसके बारे में ? 

Cyber:-आज के दौर में स्मार्टफोन और इंटरनेट हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लोग ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग, सोशल मीडिया और डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। लेकिन इसी के साथ साइबर अपराधियों के हमले भी बढ़ गए हैं। वे नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं, जिससे आम जनता की बैंक डिटेल्स और पैसों पर खतरा मंडराने लगा है।
आइए जानते हैं कि इस समय सबसे ज्यादा कौन-कौन से साइबर फ्रॉड हो रहे हैं, इनसे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, और अगर आप ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
1. डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड – नया साइबर जाल
साइबर डीएसपी रेणु कुमारी के अनुसार, इन दिनों “डिजिटल अरेस्ट” नाम का एक नया ठगी का तरीका बहुत तेजी से फैल रहा है। इसमें अपराधी खुद को CBI, पुलिस अधिकारी या जज बताकर लोगों को डराते हैं।
कैसे होता है यह ठगी का तरीका?
- अपराधी वीडियो कॉल पर खुद को सीबीआई या पुलिस अफसर के रूप में पेश करता है।
- वह यूनिफॉर्म में बैठकर दिखाता है कि वह असली अधिकारी है।
- वह आपको बताएगा कि आपके नाम पर कोई केस दर्ज हुआ है—जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स, या किसी दूसरे गैर-कानूनी काम का।
- फिर वह कहेगा कि अगर आप इस मामले से बचना चाहते हैं, तो आपको पैसे देने होंगे।
- इस दौरान वह आपको डिजिटली अरेस्ट करने की धमकी देगा और पैसों की मांग करेगा।
- डर के कारण कई लोग अपने बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
कैसे बचें?
✅ पुलिस कभी भी वीडियो कॉल करके गिरफ्तारी नहीं करती।
✅ “डिजिटल अरेस्ट” नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है।
✅ अगर कोई ऐसा कॉल आए, तो तुरंत कॉल काट दें और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।
2. बिजली विभाग और बैंक के नाम पर ठगी
आजकल साइबर अपराधी खुद को बिजली विभाग या बैंक अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहे हैं।
कैसे होती है यह ठगी?
- फोन पर कॉल कर कहा जाता है कि “आपका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा”, क्योंकि आपका बिल पेंडिंग है।
- वे आपको एक लिंक भेजते हैं या ओटीपी मांगते हैं, और जैसे ही आप इसे शेयर करते हैं, आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाता है।
- बैंक के नाम पर भी यही तरीका अपनाया जाता है। बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और कहते हैं कि “आपकी KYC अपडेट नहीं हुई है, आपका अकाउंट बंद हो सकता है”।
- जैसे ही आप अपने डिटेल्स या OTP शेयर करते हैं, पैसा गायब हो जाता है।
कैसे बचें?
✅ बिजली विभाग या बैंक कभी भी फोन पर KYC या बिल अपडेट करने को नहीं कहते।
✅ अनजान नंबर से आए किसी भी कॉल पर भरोसा न करें।
✅ कोई भी ओटीपी, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स किसी से शेयर न करें।
✅ अगर ऐसा कॉल आए, तो बिजली विभाग या बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर खुद जानकारी लें।
3. इन्वेस्टमेंट और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) फ्रॉड
आजकल युवाओं को ज्यादा मुनाफे के लालच में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
कैसे होता है यह ठगी का तरीका?
- आपको कहा जाएगा कि “अगर आप ₹5000 इन्वेस्ट करेंगे तो आपको 10,000 या 20,000 मिलेंगे”।
- जब आप पैसे लगाते हैं, तो थोड़ी रकम वापस करके विश्वास जीत लिया जाता है।
- फिर आपको बड़ी रकम लगाने के लिए उकसाया जाता है।
- एक बार जब आप ज्यादा पैसा लगा देते हैं, तो आपका नंबर ब्लॉक कर दिया जाता है और आपसे संपर्क नहीं होता।
कैसे बचें?
✅ कोई भी स्कीम जो बहुत ज्यादा और जल्दी मुनाफा देने का दावा करती है, वह फ्रॉड हो सकती है।
✅ सिर्फ भरोसेमंद और सरकारी मान्यता प्राप्त इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करें।
✅ अगर आपको किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम पर शक हो, तो SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की वेबसाइट पर उसकी जानकारी जरूर चेक करें।
4. साइबर क्राइम से बचने के उपाय
✅ मजबूत पासवर्ड बनाएं: अपने बैंक और सोशल मीडिया अकाउंट का मजबूत पासवर्ड रखें। जैसे- “N@asd#123” इस तरह का पासवर्ड ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
✅ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें: बैंकिंग और सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए 2FA ऑन करें, जिससे कोई भी आपके OTP के बिना लॉगिन न कर सके।
✅ सोशल मीडिया पर सावधानी रखें: अपनी पर्सनल जानकारी, बैंक डिटेल्स, और लोकेशन सोशल मीडिया पर शेयर न करें।
✅ अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें: अनजान ईमेल, SMS, या WhatsApp पर भेजे गए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
✅ साइबर सुरक्षा एप्स का इस्तेमाल करें: सरकारी एप्स जैसे mAadhaar, DigiLocker, और सरकारी बैंकिंग एप्स का ही इस्तेमाल करें।
5. अगर साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
अगर आप किसी साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। जल्दी से इन स्टेप्स को फॉलो करें:
📞 साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करें।
🌐 साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
🏢 नज़दीकी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।
🏦 अपने बैंक को तुरंत कॉल करके ट्रांजैक्शन को रोकने की कोशिश करें।
अगर आप 24 घंटे के अंदर शिकायत करते हैं, तो आपके पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।