Cyclone Dana:-यह चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है, और इसके उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचते ही एक भीषण चक्रवाती तूफान बनने की संभावना जताई जा रही है, जाने पूरी जानकारी ?
Cyclone Dana:-भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव के क्षेत्र ने बुधवार को एक चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का रूप ले लिया है। यह तूफान उत्तर-पश्चिम दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है और मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह 25 अक्टूबर की सुबह तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर सकता है। इस दौरान हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है, जिससे तटीय इलाकों में भारी तबाही हो सकती है। विशेषकर पुरी और सागर द्वीप के बीच के इलाकों पर इसका असर ज़्यादा होगा।
चेतावनी
बुधवार सुबह तक यह तूफान पारादीप (ओडिशा) से लगभग 560 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 630 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित था। इसके चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, जहां भारी बारिश, तेज़ हवाओं और बाढ़ जैसी परिस्थितियों की चेतावनी दी गई है। मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है और समुद्री इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ओडिशा सरकार ने कहा है कि वह इस चक्रवात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, और राज्य के तटीय क्षेत्रों में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।
‘फैलिन’
चक्रवात ‘दाना’ की खबर आते ही ओडिशा के लोगों के मन में 2013 के ‘फैलिन’ चक्रवात की यादें फिर से ताज़ा हो गई हैं। 2013 में आए ‘फैलिन’ चक्रवात ने राज्य में भारी तबाही मचाई थी। गोपालपुर के पास हुए भूस्खलन में कई लोगों की जानें गई थीं और लाखों घर बर्बाद हो गए थे। इस त्रासदी के असर से लोग आज भी सहमे हुए हैं। गंजम जिले के लोगों को चक्रवात ‘फैलिन’ के समय की काली रात की यादें अब भी सताती हैं। चक्रवात के बाद लोग अपने घरों को फिर से बनाने में कामयाब हुए, लेकिन तबाही की वो तस्वीरें आज भी उनके मन में जिंदा हैं।
सरकार
ओडिशा सरकार ने ‘दाना’ से निपटने के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार कर ली हैं। जिलाधिकारियों के साथ कई बैठकों में चक्रवात आश्रय स्थलों को तैयार करने का निर्देश दिया गया है। संवेदनशील और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को समय पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल पर रहने का आदेश दिया गया है और किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरे प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।
विशेष ध्यान गंजम, रंभा, खलीकोट, रंगीलुंडा, और चिकिती जैसे तटीय ब्लॉकों पर दिया जा रहा है, जहां से मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है। चिलिका झील के आसपास के मछुआरों को भी वापस बुला लिया गया है और अगले कुछ दिनों तक समुद्र में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
स्कूल-कॉलेज बंद और ट्रेनें रद्द
चक्रवात के मद्देनज़र, राज्य के तटीय और आसपास के नौ जिलों में सभी स्कूल-कॉलेजों को बुधवार से शनिवार तक बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही, रेलवे ने भी ऐहतियाती कदम उठाते हुए 340 से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इनमें ओडिशा और दक्षिण भारत की ओर जाने वाली अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। पूर्वी रेलवे ने भी 190 लोकल ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि कोई अनहोनी न हो।
चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के आने से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में काफी चिंता का माहौल है। हालांकि, सरकार और प्रशासन अपनी पूरी तैयारी कर रहे हैं, ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है और उम्मीद है कि इस तूफान से बड़े नुकसान से बचा जा सकेगा।