देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी डाबर ने अपने कई उत्पादों की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने चाय, बच्चों और वयस्कों के डायपर, और सैनिटाइजिंग उत्पादों का उत्पादन रोकने का ऐलान किया है। 

Dabur Prodocts :-भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से एक डाबर ने अपने कुछ उत्पादों की बिक्री और उत्पादन को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अपने उन उत्पादों से किनारा कर रही है, जो बाजार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। कंपनी का कहना है कि ये उत्पाद ग्राहकों की पसंद में पीछे रह गए और इससे कंपनी को लगातार घाटा हो रहा था। इसलिए, अब इन उत्पादों का उत्पादन पूरी तरह से रोक दिया जाएगा और धीरे-धीरे इनकी बिक्री भी समाप्त हो जाएगी।
कौन-कौन से उत्पाद हो रहे हैं बंद?
डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि कंपनी चाय, बच्चों और बुजुर्गों के डायपर और सैनिटाइजिंग उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाएगी। उन्होंने बताया कि ये उत्पाद लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे थे और ग्राहकों की पसंद से दूर होते जा रहे थे। यही कारण है कि डाबर ने इन उत्पादों को बाजार से हटाने का निर्णय लिया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
मोहित मल्होत्रा ने बताया कि डाबर ने अपनी रणनीति पर फिर से ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। कंपनी का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2027-28 तक राजस्व और मुनाफे में दहाई अंक (डबल डिजिट) की सालाना वृद्धि हो। इसके लिए कंपनी ने तय किया है कि वे केवल उन्हीं उत्पादों पर ध्यान देंगे, जो उनकी मुख्य ताकत हैं और जिनसे कंपनी को बेहतर मुनाफा हो सकता है।
उन्होंने साफ किया कि कंपनी अब उन उत्पादों को हटाएगी, जिनका प्रदर्शन खराब है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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डाबर वैदिक चाय
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बच्चों और बुजुर्गों के डायपर
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डाबर वीटा
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सैनिटाइजिंग उत्पाद
क्या है इन उत्पादों का बाजार में योगदान?
डाबर के सीईओ ने बताया कि ये उत्पाद कंपनी के कुल बिजनेस में केवल 1% से भी कम का योगदान दे रहे थे। यह दिखाता है कि ये प्रोडक्ट कंपनी के लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं थे। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का कुल राजस्व 13,113.19 करोड़ रुपये था, लेकिन इन उत्पादों का योगदान बेहद मामूली था।
तिमाही नतीजों ने बढ़ाई चिंता
डाबर ने हाल ही में अपने मार्च तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं, जो कंपनी के लिए अच्छे नहीं रहे। जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में डाबर का शुद्ध मुनाफा 8.4% गिरकर 320 करोड़ रुपये पर आ गया, जो कि बाजार अनुमान 324 करोड़ रुपये से भी कम था। इस दौरान कंपनी का राजस्व मामूली रूप से बढ़कर 2,830 करोड़ रुपये तक पहुंचा, लेकिन मुनाफे में गिरावट ने कंपनी को झटका दिया।
डाबर अब उन उत्पादों पर फोकस करेगी, जो कंपनी की मुख्य ताकत हैं और जिनसे मुनाफा बढ़ाने की संभावना है। कंपनी अपने मुख्य पोर्टफोलियो पर निवेश करेगी और उन नए उत्पादों को लाने की योजना बनाएगी, जो ग्राहकों की बदलती पसंद के अनुसार हों।
डाबर का यह कदम दिखाता है कि कंपनी अब अपने घाटे वाले उत्पादों से छुटकारा पाकर मुनाफे को बढ़ाने पर जोर दे रही है। यह एक ऐसी रणनीति है, जो बाजार में टिके रहने और तेजी से बढ़ने के लिए जरूरी है।