Dehli Crime:-पुलिस का मस्त है इंसाफ… जिस व्यक्ति ने चलाई गोली वो बाहर , जिसने चलाई सड़क पर थार वो गिरफ्तार ?

Dehli Crime:-पुलिस वाले निष्पक्ष न्याय के लिए जाने जाते है , लेकिन दिल्ली में हुई दो घटना के बाद पुलिस के ऊपर सवाल उठने लग गए है क्या था पूरा मामला जाने ?Dehli Crime

Dehli Crime:-दिल्ली की राजधानी में हाल ही में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जो दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठा रही हैं। एक घटना में, राजेंद्र नगर की कोचिंग त्रासदी के तहत एक राहगीर को ‘थार’ गाड़ी चलाकर बेसमेंट में पानी भरने के आरोप में जेल भेजा गया। वहीं दूसरी घटना में, सड़क पर पति के सामने पत्नी को गोली मारने वाले बदमाश का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल सका। इन दोनों घटनाओं ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली और उसकी तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

1. राजेंद्र नगर की कोचिंग त्रासदी: दिल्ली पुलिस ने राजेंद्र नगर की कोचिंग त्रासदी के संदर्भ में एक विवादित कदम उठाया। इस घटना में एक राहगीर को आरोपित किया गया कि उसने अपनी ‘थार’ गाड़ी चला कर बेसमेंट में पानी भर दिया, जो कि एक गंभीर आरोप था। इस घटना में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस के रवैये की आलोचना की और कहा कि यह कदम अत्यधिक था। हाई कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और इसे उचित नहीं माना।

जन्मभूमि और ईदगाह आया बड़ा फैसला हिन्दू पक्ष को मिली जीत ,मुस्लिम पक्ष को लगा बड़ा झटका

 

2. गोकुलपुरी में सड़क पर गोलीबारी: दिल्ली के गोकुलपुरी में एक और घटना ने पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। एक पति-पत्नी का युवा जोड़ा अपनी मोटरसाइकिल पर जा रहा था जब उनकी बाइक और एक स्कूटी के बीच मामूली टकराव हुआ। इस मामूली घटना पर बहस के दौरान, स्कूटी सवार ने पिस्तौल निकालकर महिला को गोली मार दी। यह गोली महिला के शरीर में लगी और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस घटना ने दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं क्योंकि पुलिस अभी तक आरोपी को पकड़ने में नाकाम रही है।

3. दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली और अपराधियों का डर: दिल्ली पुलिस को देश की एक प्रमुख पुलिस बल के रूप में देखा जाता है, लेकिन हाल के घटनाक्रम यह दर्शाते हैं कि पुलिस का इकबाल अपराधियों के बीच कमजोर पड़ता नजर आता है। दिल्ली की सड़कों पर रोड रेज जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं और बदमाशों को पुलिस का डर नहीं है। यह स्थिति ऐसे समय में बन रही है जब दिल्ली पुलिस अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के दावे करती है, लेकिन उसके कार्यशैली में स्पष्टता और तत्परता की कमी दिखाई देती है।

4. पुलिस की चेकिंग और बैरिकेड्स: दिल्ली की सड़कों पर पुलिस अक्सर चेकिंग और बैरिकेड्स लगाकर वाहनों को रोकती है। हालांकि, इन बैरिकेड्स और चेकिंग के दौरान पुलिस की नजरें अक्सर वाहनों पर नहीं होतीं। पुलिसकर्मी अक्सर आपस में बातचीत या फोन पर व्यस्त होते हैं, जिससे यातायात प्रभावित होता है और जाम की स्थिति बन जाती है। इसके बावजूद, पुलिस की चेकिंग को लेकर कोई ठोस प्रभावशीलता नहीं दिखती है।

5. तकनीकी पहलू और सुरक्षा: आजकल की बढ़ती वाहन संख्या और सड़क पर होने वाली घटनाओं को देखते हुए, पुलिस को अधिक तकनीकी साधनों का उपयोग करना चाहिए। कैमरे का न होना एक प्रमुख कारण हो सकता है कि पुलिस बदमाशों को पकड़ने में असमर्थ रही है। दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा के लिहाज से कैमरे लगवाना बेहद आवश्यक है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां सुरक्षा के मामले में कमजोरी दिखाई देती है। यह कदम न केवल अपराध को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि लोगों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।

 दिल्ली पुलिस के कामकाज और उसकी प्रभावशीलता पर उठ रहे सवालों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। पुलिस की त्वरित और प्रभावशाली कार्रवाई से ही अपराधियों को सख्त संदेश जाएगा और जनता में सुरक्षा का विश्वास बहाल होगा। वर्तमान में दिल्ली पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा ताकि अपराधियों के मन में पुलिस का डर उत्पन्न हो और सरेराह अपराधों की घटनाओं में कमी आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *