हर प्रेम कहानी का अंजाम खुशहाल नहीं होता… कुछ रिश्ते ऐसे मोड़ पर टूटते हैं जहां प्यार की जगह धोखा, और साथ निभाने की जगह मौत मिलती है। जाने इसके बारे में ? 

Delhi News :-हरियाणा के फरीदाबाद शहर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल – बीके अस्पताल, जहां रोज़ाना हजारों मरीज इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं… लेकिन उन्हें क्या मिलता है? इलाज नहीं, सिर्फ़ रेफर।
इसी बात से नाराज़ होकर समाजसेवी सतीश चोपड़ा पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं। और अब, उन्होंने शुक्रवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
उनका कहना है —
“जब तक अस्पताल में जरूरी सुविधाएं धरातल पर नहीं उतरेंगी, तब तक ये भूख हड़ताल नहीं रुकेगी।”
📉 क्या हैं सतीश चोपड़ा की शिकायतें?
सतीश चोपड़ा का आरोप है कि बीके अस्पताल में:
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मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा
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मामूली जाँच तक नहीं होती
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बिना इलाज के ही मरीजों को सीधे दिल्ली के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है
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कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं
“यह अस्पताल 1951 में बना था, 75 साल हो गए लेकिन अभी तक इसे सही तरीके से अपग्रेड नहीं किया गया,” – सतीश चोपड़ा
📜 सरकार को सौंपे गए ज्ञापन
सतीश चोपड़ा अब तक:
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प्रदेश के सभी मंत्री और विधायकों को ज्ञापन दे चुके हैं
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हरियाणा के डिप्टी स्पीकर के घर जींद जाकर मांग पत्र सौंपा
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खुद मुख्यमंत्री को भी इस समस्या से अवगत कराया
लेकिन नतीजा?
“सिर्फ घोषणाएं हुई हैं, जमीन पर कोई काम शुरू नहीं हुआ।”
😡 दलालों का कब्जा, सिस्टम की लाचारी
सतीश चोपड़ा ने बताया कि अस्पताल में:
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दलालों का बोलबाला है
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ये दलाल मरीजों को गुमराह कर निजी अस्पतालों में भेजते हैं
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वहां उनसे भारी रकम वसूली जाती है
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प्राइवेट एंबुलेंस वाले भी डॉक्टरों के पास बैठे नजर आते हैं – जिससे शक और बढ़ जाता है
🧪 जरूरी सुविधाएं नदारद
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कैंसर का इलाज नहीं होता
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अल्ट्रासाउंड जैसी सामान्य जांच की सुविधा नहीं
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ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है
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टीबी यूनिट, ट्रॉमा सेंटर जैसे प्रोजेक्ट सिर्फ़ कागजों में
“झज्जर में कैंसर इंस्टिट्यूट बना दिया गया, जबकि दिल्ली-एनसीआर में कैंसर के मरीज ज्यादा हैं। ये न्याय नहीं है।”
🧍♂️ गरीब जाए तो जाए कहां?
सतीश चोपड़ा का सीधा सवाल है:
“सरकार टैक्स हरियाणा से लेती है, और इलाज के लिए दिल्ली भेजती है। ये कहां का न्याय है?”
उनका मानना है कि अगर बीके अस्पताल को अपग्रेड कर दिया जाए, तो दिल्ली के बोझ को भी कम किया जा सकता है और गरीब लोगों को राहत मिल सकती है।
🗣️ प्रशासन का क्या कहना है?
जब इस मुद्दे को लेकर लोकल18 ने अस्पताल प्रशासन से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बातचीत से इंकार कर दिया।
अब सवाल उठता है – क्या सरकार और प्रशासन वाकई में इस गंभीर मांग को गंभीरता से लेगा?
बीके अस्पताल, जो फरीदाबाद जैसे बड़े शहर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, वहां इलाज की जगह रेफर करना सिस्टम का हिस्सा बन चुका है। समाजसेवी सतीश चोपड़ा की इस लड़ाई में अब भूख हड़ताल जुड़ गई है – जो सिर्फ अस्पताल की नहीं, व्यवस्था की हालत पर सवाल उठा रही है।
क्या अब सरकार जागेगी?
या भूख हड़ताल की अगली खबर अस्पताल से नहीं, श्मशान से आएगी?