Delhi में मीट की खुली बिक्री पर विवाद, बीजेपी नेताओं की मांग से बढ़ सकता है बवाल

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नई सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लगातार बड़े फैसले ले रही हैं जाने इसके बारे में ? Delhi  News

Delhi News:-दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नई सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लगातार बड़े फैसले ले रही हैं और पिछले 26-27 दिनों में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कई फैसलों को पलट चुकी हैं। लेकिन अब उनके सामने एक नया विवाद खड़ा हो सकता है, क्योंकि बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में खुले में मीट और मांस की बिक्री पर सख्ती की मांग कर दी है।

क्या है मामला?

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी, जो कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं, ने दिल्ली सरकार और नगर निगम (MCD) से मांग की है कि सड़कों, फुटपाथों और बाजारों में खुले में मीट काटने और बेचने पर रोक लगाई जाए। उन्होंने इसके अलावा दिल्ली में कूड़े के ढेरों और सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण को हटाने की भी मांग की है।

रमेश बिधूड़ी ने मंगलवार को एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार से मुलाकात कर इन मुद्दों पर चर्चा की। उनके साथ पटपड़गंज विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रविंद्र सिंह नेगी भी मौजूद थे। रविंद्र सिंह नेगी ने भी खुले में मीट-मांस बेचने पर आपत्ति जताई और मांस की दुकानों को हफ्ते में एक दिन बंद रखने की मांग की।

क्यों हो रहा है विवाद?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान खुले में मीट बेचने को लेकर कोई सख्त नियम लागू नहीं किया गया था। कानूनी रूप से मीट को खुले में बेचना पहले से ही प्रतिबंधित है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत के चलते यह नियम प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो सका।

विशेष रूप से पुरानी दिल्ली, जामा मस्जिद, खान मार्केट, ओखला, लाजपत नगर, पूर्वी दिल्ली और रेलवे स्टेशन के आसपास के इलाकों में खुले में मीट बेचा जाता है। छोटी दुकानों और फुटपाथ पर बिना किसी नियम-कानून के मीट बिकता है, जिससे स्वास्थ्य और सफाई को लेकर सवाल उठते हैं।

बीजेपी की सरकार क्या कर सकती है?

बीजेपी नेताओं की मांग को देखते हुए यह संभावना है कि दिल्ली सरकार जल्द ही खुले में मीट बिक्री पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

  • नगर निगम (MCD) के नियमों को और सख्त बनाया जा सकता है।
  • खुले में मीट बेचने वालों के खिलाफ जुर्माने और कार्रवाई का प्रावधान किया जा सकता है।
  • मांस की दुकानों को एक निश्चित समय के लिए बंद रखने का आदेश दिया जा सकता है।

जनता में क्या प्रतिक्रिया हो सकती है?

बीजेपी नेताओं की इस मांग पर दिल्ली में मिले-जुले रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं।

  • कुछ लोगों को यह फैसला पसंद आएगा, क्योंकि खुले में मीट काटने और बेचने से गंदगी फैलती है और इससे सफाई और स्वच्छता की समस्या होती है।
  • दूसरी तरफ, मीट और मांस का व्यापार करने वालों को इससे परेशानी हो सकती है, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हो सकती है।

इस फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद भी हो सकता है, क्योंकि यह मुद्दा सिर्फ स्वच्छता से नहीं जुड़ा, बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी संवेदनशील है।

आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी दल इसे व्यापारियों के खिलाफ कदम बता सकते हैं, जबकि बीजेपी इसे स्वच्छता और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी फैसला बता सकती है।

दिल्ली की राजनीति में बदलाव के साथ नए मुद्दे भी उभर रहे हैं। खुले में मीट बेचने का मुद्दा फिलहाल चर्चा में आ गया है और अगर बीजेपी सरकार इस पर सख्त कदम उठाती है, तो दिल्ली में जल्द ही मीट और मांस व्यापार को लेकर नए नियम लागू हो सकते हैं। अब देख

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *