Delhi Dormant Bank:-देशभर में साइबर फ्रॉड और बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार, बैंक और विभिन्न संस्थाएं लोगों को लगातार सतर्क रहने की सलाह देती हैं, जाने इसके बारे में ? 

Delhi Dormant Bank:-आजकल साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। सरकार, बैंक और अन्य संस्थाएं लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह देती हैं, लेकिन इसके बावजूद देशभर में साइबर फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं। कई बार लोग अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई तक गंवा बैठते हैं और जब तक उन्हें ठगे जाने का एहसास होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
दिल्ली से ऐसा ही एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने बैंक अधिकारियों और पुलिस तक के होश उड़ा दिए। ठगों के एक गिरोह ने डोरमेंट बैंक अकाउंट (ऐसे खाते जो लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं होते) का इस्तेमाल कर लाखों रुपये निकाल लिए। जब यह मामला सामने आया, तो बैंक अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने भी तेजी दिखाते हुए छानबीन शुरू की और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे हुआ यह बैंक फ्रॉड?
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि यह ठगों का एक संगठित गिरोह था, जो खासतौर पर उन बैंक खातों को निशाना बनाता था, जिन्हें ग्राहक लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। ये अपराधी उन निष्क्रिय खातों (डोरमेंट अकाउंट) के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम देते थे।
अधिकारियों ने बताया कि जालसाज नकली चेक तैयार करते थे और बैंक से बड़ी रकम निकाल लेते थे। इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पहचान कपिल कुमार (26) और लोकेंद्र (36) के रूप में हुई है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक बैंक ग्राहक संजीव कुमार ने शिकायत की कि उनके बैंक अकाउंट से 24.35 लाख रुपये की अवैध निकासी हो गई है। उन्होंने बैंक को बताया कि जिस चेक के जरिए पैसे निकाले गए, वह तो उनके पास ही मौजूद है। यह सुनकर बैंक अधिकारियों को शक हुआ कि यह किसी बड़े फ्रॉड का मामला हो सकता है, और उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस ने कैसे सुलझाया मामला?
संजीव कुमार की शिकायत के बाद, दिल्ली पुलिस की एक टीम ने मनी ट्रेल यानी पैसों की आवाजाही को ट्रैक करना शुरू किया। जांच में पता चला कि निकाले गए 24.35 लाख रुपये में से 14.5 लाख रुपये कपिल कुमार के बैंक अकाउंट में भेजे गए थे, जबकि बाकी 9.09 लाख रुपये लोकेंद्र से जुड़े दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
जब पुलिस ने इन दोनों को नोटिस भेजकर बुलाने की कोशिश की, तो वे बचने लगे। फिर पुलिस ने उनका फोन रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया और आखिरकार 26 फरवरी को दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कपिल और लोकेंद्र ने कबूल किया कि उन्होंने यह काम धर्मेंद्र नाम के एक व्यक्ति के कहने पर किया था। मामले की आगे जांच करने पर एहतशाम नाम के एक और व्यक्ति की संलिप्तता का भी पता चला। अब पुलिस धर्मेंद्र और एहतशाम की तलाश में जुटी है।
बैंकिंग फ्रॉड से बचने के तरीके
इस मामले में पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गिरोह और कितने डोरमेंट अकाउंट के जरिए ठगी कर चुका है। साथ ही यह भी जांच हो रही है कि कहीं बैंक के अंदर से किसी कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं थी।
इस तरह के बैंक फ्रॉड से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:
- अपने बैंक खाते को नियमित रूप से एक्टिव रखें – अगर आपका कोई बैंक खाता बहुत लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तो उसमें कभी-कभी छोटी रकम जमा या निकालते रहें ताकि वह डोरमेंट न हो।
- अपने बैंक स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करें – अगर किसी अनजान ट्रांजैक्शन की जानकारी मिले तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें।
- अपने चेकबुक को सुरक्षित रखें – अगर कोई चेक गुम हो जाए या आपको कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
- बैंक से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें – ठग अकसर फोन या ईमेल के जरिए बैंक की जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं, इसलिए सतर्क रहें।
- संदिग्ध कॉल्स से बचें – कोई भी कॉल आकर अगर खुद को बैंक अधिकारी बताकर आपके अकाउंट की जानकारी मांगे तो ऐसी कॉल को तुरंत काट दें और बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को भी बैंक फ्रॉड या साइबर क्राइम की कोई जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि ठगों के पास नए-नए तरीके होते हैं और वे तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं। डोरमेंट अकाउंट के जरिए किया गया यह बैंक फ्रॉड एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है, लेकिन अगर लोग सतर्क रहें और समय-समय पर अपने बैंकिंग डिटेल्स की जांच करते रहें, तो इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।
दिल्ली पुलिस की तत्परता से इस मामले का भंडाफोड़ हो गया और दो आरोपी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अभी भी इस गिरोह के अन्य सदस्य फरार हैं। देखना होगा कि पुलिस आगे की जांच में क्या खुलासे करती है।