Delhi New CM Atishi:-दिल्ली की राजनीती कुछ दिनों से ऊपर निचे होकर एक नई मुख्यमंत्री को चुन ही लिया गया है AAP विधायक दल ने आतिशी को अपना मुख्यमंत्री पद दे दिया , जाने नए CM के बारे में।
Delhi New CM Atishi Biography :-आतिशी, जो अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, एक बेहतरीन शैक्षणिक पृष्ठभूमि और एक प्रभावशाली राजनीतिक सफर का अनुभव रखती हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेताओं में से एक आतिशी को अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीय सहयोगी के रूप में जाना जाता है। कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक के रूप में उनकी पहचान है, और उन्होंने दिल्ली सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। उनके नेतृत्व में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक प्रभाव बढ़ा है।
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को हुआ था। उनके माता-पिता, विजय सिंह और तृप्ता सिंह, दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। आतिशी का पारिवारिक वातावरण शैक्षणिक और बौद्धिक चर्चाओं से भरा था, जिसने उनके व्यक्तित्व और सोच को आकार दिया। उनका पूरा नाम पहले “आतिशी मार्लेना” था, जिसमें “मार्लेना” शब्द उनके पिता की विचारधारात्मक प्रेरणा से जुड़ा था। उनके पिता मार्क्स और लेनिन से प्रभावित थे और इसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी बेटी के नाम के साथ “मार्लेना” जोड़ा। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने नाम से “मार्लेना” हटा दिया ताकि यह भ्रम न फैले कि वह ईसाई हैं।
आतिशी की शुरुआती शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल्स स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन्स कॉलेज से इतिहास में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह चिवनिंग स्कॉलरशिप के तहत ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गईं, जहां से उन्होंने दूसरी मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। आतिशी की शिक्षा ने उन्हें राजनीति और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मजबूत आधार प्रदान किया।
राजनीतिक सफर
आतिशी के राजनीतिक सफर की शुरुआत आम आदमी पार्टी के साथ हुई। साल 2013 में जब पार्टी ने अपना मेनिफेस्टो ड्राफ्ट करने के लिए एक कमेटी बनाई, तो आतिशी को भी उसमें जगह मिली। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सुधार में उनकी नीतियों का बड़ा योगदान रहा है।
साल 2015 से 2018 तक आतिशी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा सुधारों को धरातल पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में, जब उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा, तो उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया। कालकाजी से विधायक के रूप में चुनकर वह आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की सदस्य बनीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में, आतिशी ने पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उनकी राजनीतिक पहचान और बढ़ी और उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से पार्टी के भीतर और दिल्ली की जनता के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री के रूप में भूमिका
आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। यह फैसला आतिशी के राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता पर पार्टी के विश्वास को दर्शाता है। दिल्ली के विकास और जनता के कल्याण के लिए उनके द्वारा की गई नीतियों और कार्यों ने उन्हें इस उच्च पद के लिए उपयुक्त बना दिया है।
व्यक्तिगत जीवन
आतिशी का ताल्लुक एक पंजाबी राजपूत परिवार से है। उनके पति प्रवीण सिंह भी एक शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति हैं। प्रवीण एक रिसर्चर और एजुकेटर हैं, और वह सद्भावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी जैसे संस्थानों के साथ जुड़े हुए हैं। प्रवीण सिंह ने आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है और फिर आईआईएम अहमदाबाद से भी अपनी शिक्षा पूरी की है। प्रवीण ने करीब 8 साल तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया और भारत और अमेरिका की कई कंसल्टेंसी फर्म्स में भी सेवाएं दीं। बाद में उन्होंने सामाजिक कार्यों की ओर ध्यान केंद्रित किया और अब वह शिक्षा और पब्लिक पॉलिसी के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
प्रवीण सिंह सार्वजनिक जीवन में बहुत कम नजर आते हैं और अपना ध्यान मुख्य रूप से सामाजिक कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रित रखते हैं। उनके और आत
िशी के जीवन में शिक्षा और सामाजिक सुधार का महत्वपूर्ण स्थान है, और यह उनकी राजनीतिक दिशा में भी झलकता है।
आतिशी की शैक्षणिक और राजनीतिक यात्रा उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी है। ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई करने वाली आतिशी ने राजनीति में कदम रखने के बाद आम आदमी पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सुधार और दिल्ली की जनता के लिए उनकी नीतियां उन्हें एक प्रगतिशील नेता के रूप में स्थापित करती हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनका चुनाव दिल्ली के विकास और बदलाव की दिशा में एक अहम कदम है।