Delhi Police:-दिल्ली पुलिस इन दिनों अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत अब तक 33 से अधिक अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा चुका है। जाने पूरी खबर ? 

Delhi Police:–दिल्ली पुलिस इन दिनों अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इस अभियान के तहत अब तक 33 से अधिक अवैध प्रवासियों को देश से डिपोर्ट किया जा चुका है। ये प्रवासी बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। पुलिस और फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) मिलकर उनकी पहचान कर रहे हैं। जिनके पास वैध कागजात नहीं होते, उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। इसके बाद उन्हें ट्रेन के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया जाता है।
हाल ही में वसंत कुंज इलाके में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी ने एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो अवैध प्रवासियों को दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बसाने का काम कर रहा था।
कैसे काम कर रहा था यह रैकेट?
पुलिस जांच में यह सामने आया कि यह रैकेट तीन मॉड्यूल के जरिए काम कर रहा था:
- पहला मॉड्यूल:
- बांग्लादेशी नागरिकों को डंकी रूट (यानी बिना वैध रास्तों) के जरिए भारत लाया जाता था।
- ये रूट मेघालय और असम जैसे इलाकों से होकर गुजरते हैं।
- दूसरा मॉड्यूल:
- इन प्रवासियों को भारत में लाने के बाद, उन्हें रात के समय छिपाकर रखा जाता था।
- इसके बाद उन्हें असम से ट्रेन और अन्य साधनों के जरिए दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पहुंचाया जाता था।
- तीसरा मॉड्यूल:
- दिल्ली और अन्य राज्यों में इन्हें अवैध रूप से बसाया जाता था।
- इनके लिए फर्जी दस्तावेज बनाए जाते थे, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, और वोटर कार्ड।
- इन्हें यहां रोजगार भी दिलाया जाता था।
रैकेट का मास्टरमाइंड
पुलिस ने बताया कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड अनीश शेख है।
- अनीश खुद 15 साल पहले बांग्लादेश से भारत आया था।
- वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में लाने और बसाने का काम कर रहा था।
- अनीश उनके रहने, खाने, और दस्तावेज बनाने में मदद करता था।
पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने अब तक इस रैकेट से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2 बांग्लादेशी और 2 भारतीय शामिल हैं।
- इनके पास से 6 आधार कार्ड, 5 पैन कार्ड, और 4 वोटर कार्ड बरामद किए गए हैं।
- इसके अलावा, दो फर्जी वेबसाइट्स का भी खुलासा हुआ है:
- जनता प्रिंट डॉट कॉम
- भारत सेवा
- इनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए किया जा रहा था।
रैकेट
- यह रैकेट एक प्लेसमेंट एजेंसी की तरह काम कर रहा था।
- बांग्लादेशी नागरिकों से मोटी रकम वसूलकर उन्हें भारत में नौकरी दिलाने का वादा किया जाता था।
- पुलिस अब उनके बैंक खाते और लेनदेन की जांच कर रही है।
दिल्ली पुलिस
- पिछले रविवार को पुलिस ने 7 बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया था।
- इस रैकेट के खिलाफ लगातार जांच चल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने और लोग इसमें शामिल हैं।
जोखिम
यह रैकेट सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा था, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा था। फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन नागरिकों को कानूनी पहचान मिल जाती, जिससे भविष्य में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती थीं।
पुलिस की इस कार्रवाई ने न सिर्फ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है, बल्कि अवैध प्रवासियों को बसाने वाले रैकेट को भी तोड़ा है। आगे भी इस तरह के मॉड्यूल्स पर नजर रखी जाएगी, ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।