दिल्ली-एनसीआर में एक के बाद एक छह बच्चे लापता हो चुके हैं… कोई अचानक गायब हो गया, कोई नाराज़ होकर चला गया…” जाने इसके बारे में ? 

Delhi News:-दिल्ली से लगातार बच्चों के गायब होने की खबरें आ रही हैं। अब तक 6 बच्चे अलग-अलग इलाकों से लापता हो चुके हैं। इन बच्चों के माता-पिता महीनों और सालों से गहरे दुख में डूबे हैं। वे हर दिन अपने बच्चे की एक झलक पाने के लिए तरस रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इन मामलों को बहुत गंभीरता से लिया है और बच्चों को खोजने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। कुछ बच्चों को ढूंढ भी लिया गया है, लेकिन कई सवाल आज भी अनसुलझे हैं:
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क्या कोई अपराधी गैंग इनके पीछे है?
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या फिर बच्चे खुद ही नाराज़ होकर घर छोड़कर जा रहे हैं?
🌟 दो साल आठ महीने बाद मिली 16 साल की बेटी – उम्मीद की किरण
इस केस में एक बड़ी सफलता तब मिली जब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक 16 साल की लड़की को ग्रेटर नोएडा के कासना इलाके से बरामद किया।
ये लड़की नवंबर 2022 से लापता थी।
उसके पिता ने अशोक विहार थाने में FIR दर्ज करवाई थी कि उनकी बेटी बिना बताए घर से चली गई है।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से आखिरकार मई 2025 में लड़की को ढूंढ निकाला। दो साल और आठ महीने बाद जब बेटी वापस आई, तो पिता की आंखों में आंसू और राहत एक साथ थे।
🧑💻 AHTU की मेहनत – 4 और बच्चे सुरक्षित मिले
दिल्ली पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) भी पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। उन्होंने 4 और बच्चों को अलग-अलग इलाकों से खोज निकाला।
📍समायपुर बादली केस:
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एक 15 साल की लड़की और लड़का 7 जून 2025 को गायब हुए।
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पता चला, लड़की को सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट करने के कारण डांटा गया था। वो नाराज़ होकर घर छोड़कर चली गई।
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लड़के को उसके पिता ने शराब पीकर डांटा, जिससे वो गुस्से में चला गया।
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दोनों को बादली रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया गया।
📍बेगमपुर:
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12 साल की लड़की 24 जून 2025 को गायब हुई।
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वह बाद में मंगोलपुरी में मिली। उसने घर छोड़ने की वजह नहीं बताई।
📍रनहोला:
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12 साल का लड़का अप्रैल 2025 में गायब हुआ था।
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वो द्वारका मोड़ इलाके में मिला।
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उसने बताया कि वह बस और ट्रेन से उत्तर प्रदेश के बांदेउ चला गया और एक रिश्तेदार के घर रहा।
💔 13 साल का शंकर – रेलवे स्टेशन से ढाबे तक की दर्दनाक कहानी
एक और दिल छू लेने वाली कहानी है शाहदरा के फर्श बाजार थाने की।
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13 साल का शंकर शाह, जनवरी 2023 से लापता था।
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पिता ललित शाह ने शिकायत दी थी।
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पुलिस ने देशभर में वायरलेस मैसेज, CCTV फुटेज, अखबारों में इश्तिहार और सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की।
फिर मई 2025 में, एक अनजान नंबर से पिता को कॉल आया।
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पुलिस ने कॉल ट्रेस कर शंकर को 12 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बरामद किया।
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शंकर ने बताया कि माता-पिता की डांट से नाराज़ होकर वो आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन में बैठ गया।
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वह फेरु माजरा गांव में एक ढाबे पर काम कर रहा था।
⚠️ इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
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हर बच्चा जो लापता हुआ, उसकी कहानी अलग थी, लेकिन एक बात कॉमन थी — घरेलू नाराज़गी, डर, या दबाव।
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आज के बच्चे भावनात्मक रूप से संवेदनशील हैं।
उन्हें डांट के बजाय समझाने की जरूरत है।
👨👩👧👦 माता-पिता क्या करें?
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बच्चों के साथ रोज़ बात करें, उनका मन समझें।
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सोशल मीडिया पर क्या देख रहे हैं, ध्यान रखें।
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अगर बच्चा परेशान या चुप दिखे, तो उसे झिड़कें नहीं — प्यार से पूछें।
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और सबसे जरूरी — अगर बच्चा लापता हो जाए, तो हर दिन लड़िए, जैसे इन माता-पिता ने लड़ा।
🕵️♀️ पुलिस को सलाम — पर जिम्मेदारी हमारी भी है
दिल्ली पुलिस, क्राइम ब्रांच और AHTU टीम ने सराहनीय काम किया है।
लेकिन असली सुरक्षा की शुरुआत हमारे घर से होती है।
आपके बच्चे भी कहीं ऐसी ही उलझन में तो नहीं?