साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर ठगी के मामले…… जाने इसके बारे में ? 

Digital Arrest:-आजकल साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग इतने शातिर हो गए हैं कि लोगों को फोन या वीडियो कॉल कर “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर उनसे लाखों रुपये ठग रहे हैं। सरकार और पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन फिर भी लोग इन जालसाजों के शिकार बन रहे हैं।
ढाई महीनों में 1.85 करोड़ रुपये की ठगी
पिछले ढाई महीनों में ही 10 बड़े मामलों में 1 करोड़ 85 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है। हाल ही में उत्तरकाशी में एक विदेशी नागरिक से 30 लाख रुपये ठग लिए गए। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या ने पुलिस और साइबर क्राइम सेल की चिंता बढ़ा दी है।
कैसे फंसाते हैं ये ठग?
साइबर ठग बेहद संगठित तरीके से काम कर रहे हैं। वे फोन या वीडियो कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। फिर वे किसी फर्जी कानूनी मामले का डर दिखाकर कहते हैं कि अगर तुरंत पैसे नहीं दिए तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घबराहट में लोग डरकर बड़ी रकम ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।
पुलिस की क्या सलाह है?
इन मामलों को लेकर एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने कहा कि ठगी के मामलों में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने आम जनता से साफ तौर पर अपील की है कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई चीज़ नहीं होती। अगर कोई आपसे इस तरह पैसे मांगता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करके शिकायत करें।
कैसे बचें इस ठगी से?
डिजिटल क्रांति के इस दौर में हर चीज़ ऑनलाइन हो रही है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी हर दिन नए तरीके खोज रहे हैं, ऐसे में सिर्फ सतर्कता ही इस ठगी से बचने का तरीका है।
✔ अनजान नंबर से आने वाले कॉल पर बिना पुष्टि किए किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें।
✔ अगर कोई आपको पुलिस अधिकारी बनकर धमकी दे तो पहले ठंडे दिमाग से सोचें।
✔ किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत पुलिस या साइबर सेल को दें।
✔ अगर ठगी हो जाए तो तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर अपराधी लोगों की डर और हड़बड़ाहट का फायदा उठाते हैं। अगर हम सतर्क रहेंगे, तो इस ठगी से बच सकते हैं। याद रखें, डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज़ नहीं होती!