क्या आपने कभी सोचा है कि अगली बार जब भारत की जनगणना होगी, तो शायद कोई सरकारी कर्मचारी आपके दरवाजे पर दस्तक न दे… बल्कि आप खुद अपनी जानकारी दर्ज करेंगे — वो भी मोबाइल से? 

Janaganana:-भारत अब जनगणना की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। 2027 की जनगणना खास होने वाली है क्योंकि इस बार लोग खुद भी अपनी जानकारी भर सकेंगे – और वो भी पूरी तरह डिजिटल तरीके से, मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के जरिए।
सरकार ने साफ कर दिया है कि यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। इस बार न केवल सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर जानकारी लेंगे, बल्कि हर नागरिक को खुद भी अपनी जानकारी दर्ज करने का मौका मिलेगा। इसके लिए सरकार एक समर्पित वेब पोर्टल लॉन्च करेगी, जो जनगणना के दोनों मुख्य चरणों – मकान सूचीकरण (House Listing & Housing Census – HLO) और जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE) – के लिए उपलब्ध रहेगा।
🔹 अब डिजिटल तरीके से होगी जनगणना: कैसे?
अधिकारियों के मुताबिक, इस बार जनगणना करने वाले कर्मचारी एंड्रॉइड और आईफोन दोनों पर एक खास मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करेंगे। वे इसी ऐप के ज़रिए नागरिकों से जुड़ी जानकारी एकत्र करेंगे और उसे सीधे सेंट्रल सर्वर पर भेज देंगे।
📱 इस प्रक्रिया में पहली बार टेक्नोलॉजी का ऐसा इस्तेमाल होगा, जिससे:
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डेटा तुरंत अपलोड किया जा सकेगा
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कागज़ का झंझट नहीं रहेगा
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पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी
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और सबसे ज़रूरी – डेटा की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं
🔹 दो चरणों में होगी पूरी जनगणना
इस बार की जनगणना दो बड़े चरणों में पूरी की जाएगी:
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पहला चरण – हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (HLO)
🗓️ शुरू होगा: 1 अप्रैल 2026 से
इसमें मकानों की संख्या, प्रकार, सुविधाएं आदि की जानकारी दर्ज की जाएगी। -
दूसरा चरण – जनसंख्या गणना (Population Enumeration)
🗓️ शुरू होगा: 1 फरवरी 2027 से
इसमें घर के सभी सदस्यों की उम्र, लिंग, धर्म, शिक्षा, व्यवसाय, जाति, आदि की जानकारी ली जाएगी।
⛄ खास बात यह है कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे बर्फीले क्षेत्रों में यह गणना पहले ही 1 अक्टूबर 2026 से शुरू कर दी जाएगी, ताकि मौसम की बाधा न बने।
🔹 पहली बार नागरिक करेंगे स्वयं-गणना
यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब लोग खुद भी वेब पोर्टल के जरिए अपनी जानकारी भर सकेंगे। इसका मकसद है कि लोग अपनी सुविधा अनुसार डेटा भर सकें और प्रक्रिया में भागीदारी बढ़े।
इस डिजिटल स्व-गणना के ज़रिए:
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लोग अपनी जानकारी खुद दर्ज कर सकेंगे
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घर बैठे ऑनलाइन सबमिशन कर सकेंगे
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अपने मोबाइल या कंप्यूटर से फार्म भर सकेंगे
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जिससे कर्मचारी को सिर्फ वेरिफाई करना होगा
🔹 डेटा की सुरक्षा होगी प्राथमिकता
जनगणना के दौरान डेटा का संग्रहण, ट्रांसमिशन और स्टोरेज पूरी तरह सुरक्षित होगा। अधिकारी बता रहे हैं कि मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह की जानकारी लीक या गलत इस्तेमाल से बचा जा सके।
🔹 इतनी बड़ी जनगणना कैसे होगी संभव?
इसके लिए सरकार ने एक तीन-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है:
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राष्ट्रीय प्रशिक्षक (National Trainers)
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मास्टर प्रशिक्षक (Master Trainers)
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फील्ड प्रशिक्षक (Field Trainers)
👥 लगभग 34 लाख गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक इस विशाल कार्य में भाग लेंगे। हर एक को पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे डिजिटल उपकरणों और पोर्टल का सही इस्तेमाल कर सकें।
🔹 सीमाएं तय करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर
सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर 2025 तक वे अपने जिलों, तहसीलों, पुलिस थानों आदि की सीमाएं अंतिम रूप से तय कर लें। क्योंकि उसके बाद किसी भी सीमा बदलाव को जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा।
हर गांव और कस्बे को गणना ब्लॉकों में बांटा जाएगा, और हर ब्लॉक के लिए एक गणनाकर्ता नियुक्त किया जाएगा। इससे दोहराव या गलती की संभावना खत्म हो जाएगी।
🔹 2027 की जनगणना क्यों है खास?
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यह देश की 16वीं जनगणना होगी
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और स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना
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पहली बार डिजिटल तरीके से होगी
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पहली बार जातिगत डेटा एकत्र किया जाएगा
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पहली बार लोग खुद भी अपनी गणना कर सकेंगे
📜 इसके लिए 16 जून 2025 को गजट अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।
भारत की यह आगामी जनगणना सिर्फ एक जनसंख्या आंकड़ा संग्रहण प्रक्रिया नहीं, बल्कि डिजिटल भारत की ओर एक और मजबूत कदम है। इसमें नागरिकों को ज्यादा सशक्त, प्रक्रिया को ज्यादा तेज़ और डेटा को ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है।
आने वाले समय में यह एक उदाहरण बनेगा कि कैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग सरकार और नागरिकों को एक-दूसरे से और बेहतर जोड़ सकता है।