Earthquake in Delhi:-गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे पाकिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी झटके महसूस किए गए। इन झटकों से लोग घबराकर तुरंत अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। जाने कितना नुकसान हुआ ?
Earthquake In Dehli :-बुधवार दोपहर करीब 1 बजे जब लोग अपने ऑफिस में लंच के लिए निकलने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक धरती कांप उठी। दिल्ली-एनसीआर में तेज़ भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के करूर इलाके में था, जहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। भूकंप का असर पाकिस्तान के अलावा भारत के कई हिस्सों जैसे दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में भी महसूस किया गया।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था। हालाँकि, इस घटना से अब तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है। भूकंप के झटकों से लोग डर गए और उन्हें तुरंत ऑफिस और घरों से बाहर आना पड़ा। दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोग घबराए हुए नज़र आए और कुछ समय के लिए जनजीवन ठप सा हो गया।
भूकंप के कारण
भूकंप का प्रमुख कारण पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित प्लेटों का आपस में घर्षण या टकराव होता है। पृथ्वी के भीतर संवहन धाराएं (convection currents) चलती हैं, जो रेडियोधर्मी ऊष्मा से उत्पन्न होती हैं। इन संवहन धाराओं की वजह से सतही चट्टानों पर कर्षण (friction) उत्पन्न होता है, जिससे चट्टानों में विकृति पैदा होती है। जब यह विकृति एक सीमा तक पहुँच जाती है, तब प्लेट्स के बीच जमा तनाव अचानक से रिलीज़ होता है और भूकंप आता है।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का मापन
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए “रिक्टर स्केल” का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्केल भूकंप की तीव्रता को 1 से 9 तक मापता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता निम्न प्रकार से विभाजित की जाती है:
रिक्टर स्केल | असर |
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0 से 1.9 | केवल सिस्मोग्राफ से पता चलता है। |
2 से 2.9 | हल्का कंपन महसूस होता है। |
3 से 3.9 | ऐसा महसूस होता है जैसे कोई ट्रक पास से गुजरा हो। |
4 से 4.9 | खिड़कियाँ टूट सकती हैं, दीवारों पर लगी फ्रेम गिर सकती हैं। |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। |
7 से 7.9 | इमारतें गिर सकती हैं, जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं। |
8 से 8.9 | इमारतों सहित बड़े पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा भी होता है। |
9 और उससे अधिक | पूरी तबाही, जमीन लहराते हुए दिखती है, सुनामी का खतरा अत्यधिक होता है। |