Easter Island:-चिली के इस द्वीप के बारे में इसी जानकारी देने वाले है जो आपको भी नहीं पता होगी , वो कौन कौन जानकारी है जानते है इस पोस्ट में ?
Easter Island Mystery:-आज हम आपको चिली के ईस्टर द्वीप के बारे में हम आपको बताने जा रहे है , इस पोस्ट में हम आपको वो सारी जानकारी देने कोशिश करेंगे, की वहां पर कौनसी भाषा बोली जाती है और क्या होने वाला है वहां के रहस्य और उसका इतिहास , वहां की संस्कृति , भूगोल जैसी तमाम बाते हम आपको बताने जा रहे है आएगे जानते है उसके बारे में ?
ईस्टर द्वीप: चिली का रहस्यमयी द्वीप
ईस्टर द्वीप, जिसे स्थानीय भाषा में रापा नुई कहा जाता है, दक्षिण पूर्वी प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटे से द्वीप के रूप में जाना जाता है। यह द्वीप चिली का हिस्सा है और अपनी विशाल पत्थर की मूर्तियों, जिन्हें मोई (Moai) कहा जाता है, के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
भूगोल और जलवायु
ईस्टर द्वीप लगभग 163.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह पृथ्वी के सबसे दूरस्थ आबादी वाले द्वीपों में से एक है। यह द्वीप मुख्य भूमि चिली से लगभग 3,700 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। यहाँ की जलवायु समुद्री उष्णकटिबंधीय है, जिसमें तापमान आमतौर पर साल भर 15-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यहाँ बारिश भी होती है, लेकिन वर्षा का स्तर अपेक्षाकृत कम है।
इतिहास
ईस्टर द्वीप का इतिहास रहस्यों और किंवदंतियों से भरा हुआ है। इस द्वीप पर मानव बस्तियों का इतिहास लगभग 300-400 ईस्वी पूर्व से शुरू होता है। रापा नुई लोगों ने इस द्वीप को बसाया और अपनी अनूठी संस्कृति और कलात्मकता का विकास किया। इनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाएं हैं मोई मूर्तियां, जो विशाल पत्थर की मूर्तियाँ हैं और द्वीप के विभिन्न भागों में फैली हुई हैं।
मोई मूर्तियों का रहस्य
मोई मूर्तियों का निर्माण 1250 से 1500 ईस्वी के बीच हुआ माना जाता है। ये मूर्तियाँ मुख्य रूप से ज्वालामुखीय राख से बनी हैं और इनका औसत वजन 12 टन और ऊंचाई 13 फीट होती है। सबसे बड़ी मूर्ति, जिसे ‘एल गिगांटे’ कहा जाता है, अधूरी अवस्था में है और इसका वजन लगभग 75 टन है। मोई मूर्तियों का निर्माण और स्थानांतरण आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
कैसे रापा नुई लोगों ने इतनी विशाल और भारी मूर्तियों को द्वीप के विभिन्न हिस्सों में ले जाकर खड़ा किया, यह वैज्ञानिकों और इतिहासकारों के लिए एक पहेली है। कुछ सिद्धांतों के अनुसार, इन्हें लकड़ी की स्लेजों और रोलर्स का उपयोग करके स्थानांतरित किया गया होगा, जबकि अन्य सिद्धांत मानते हैं कि इन मूर्तियों को ‘चलाया’ गया था, यानी रस्सियों की मदद से धीरे-धीरे खींचकर ले जाया गया।
संस्कृति और परंपराएं
रापा नुई की संस्कृति अद्वितीय और समृद्ध है। यहाँ के लोग अपनी पारंपरिक कलाओं, नृत्य, और संगीत के लिए जाने जाते हैं। ‘तापती रापा नुई’ नामक वार्षिक उत्सव यहाँ की सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना है, जो फरवरी के महीने में मनाई जाती है। इस उत्सव में पारंपरिक खेल, नृत्य, और कला प्रदर्शन होते हैं, जो द्वीप की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करते हैं।
पर्यटन
ईस्टर द्वीप एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। यहाँ के मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं:
- रानो राराकू: यह एक ज्वालामुखीय गड्ढा है जहाँ अधिकांश मोई मूर्तियों का निर्माण किया गया था। यहाँ आज भी अधूरी मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं।
- अहु तोंगारिकी: यह ईस्टर द्वीप का सबसे बड़ा मोई प्लेटफार्म है, जहाँ 15 मोई मूर्तियाँ एक कतार में खड़ी हैं।
- रानो काउ: यह एक विशाल ज्वालामुखीय गड्ढा है जिसमें एक मीठे पानी की झील है। इसके किनारे पर ऑरंगो नामक प्राचीन गांव के अवशेष भी मिलते हैं।
- अनाकेना बीच: यह द्वीप का एकमात्र बालू समुद्र तट है और यहाँ भी कुछ मोई मूर्तियाँ हैं। यह समुद्र तट तैराकी और धूप सेंकने के लिए लोकप्रिय है।
ईस्टर द्वीप की अनमोल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। यूनेस्को ने इस द्वीप को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। इसके साथ ही, चिली की सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मिलकर मोई मूर्तियों और अन्य पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं।