Andhra Pradesh News:-आज भारत पुरे विश्व में अपनी एक अलग पहचना बना रखा है और चाँद पर जाने की तैयारी है लेकिन कही इसको से कही घटना सामने आती है जिसको देखकर लोगो अभी दांतो टेल ऊँगली चवा ले, पवित्रता के नाम पर एक ऐसी ही प्रथा का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है |
Shocker News :-वर्तमान समय में विज्ञानं बहुत आगे गया है फिर भी लोगो की सोच में कोई फर्क नहीं आया है ,लोग भाग अपनी एक प्रथा में फस कर रह गए है एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमे प्रथा के नाम पर महिलाओं के साथ हैवानियत अब भी हो रही है. पवित्रता के नाम पर एक ऐसी ही प्रथा का दिल दहला देने वाला मामला आंध्र प्रदेश में सामने आया है. एक महिला के चरित्र पर सवाल उठे तो उसे खौलते गर्म तेल कड़ाहे में हाथ डालने के लिए विवश किया गया.आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में चार बच्चों की 50 वर्षीय मां को खुद की पवित्रता साबित करने के लिए उबलते तेल में हाथ डालने के लिए विवश किया जा रहा. देवदूत की तरह वहां पहुंचे एक सरकारी अधिकारी ने समय पर हस्तक्षेप किया और महिला को अत्याचार से बचा लिया. यह दिल दहला देने वाली घटना चित्तूर जिले के पूतलपट्टू मंडल के थेनेपल्ले के पास थातिथोपु गांव में एक आदिवासी समुदाय में सामने आई है |
अधिकारी ने बताया कि महिला के पति ने उसे कई बार कथित रूप से पीटा भी था. उन्होंने बताया कि येरुकुला आदिवासी समुदाय की पुरानी प्रथा के अनुसार, जिस महिला के चरित्र पर संदेह होता है, उसे समुदाय के सदस्यों के समक्ष अपने हाथ खौलते तेल में डालने होते हैं. अधिकारी ने बताया कि यदि महिला के हाथ नहीं जले, तो यह माना जाता है कि वह पतिव्रता है, लेकिन यदि उसके हाथ जल गए, तो उसके ‘बेवफा’ मान लिया जाता है.
महिला चार बच्चों की मां है और वह स्वयं को पतिव्रता साबित करने के लिए परीक्षा देने पर सहमत कर लिया गया है . इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन तभी स्थानीय मंडल परिषद विकास अधिकारी ने समय पर पहुंचकर महिला को बचा लिया. अधिकारी ने कहा, ‘महिला इस परीक्षा के लिए यह सोचकर सहमत हुई कि अपने पति से नियमित आधार पर पिटने से बेहतर स्वयं को निर्दोष साबित करना होगा.’ इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज नहीं किया गया, लेकिन महिला के पति और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस थाने बुलाकर समझाया गया और वहां से जाने दिया गया.