Ghaziabad News:-गाजियाबाद में पिछले कुछ सालों में धर्मांतरण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जो एक गंभीर सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जाने पूरी खबर ?

Ghaziabad News:-गाजियाबाद में धर्मांतरण के मामलों में बढ़ोतरी एक गंभीर सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेताओं का दावा है कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो गाजियाबाद के हालात भी पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हो सकते हैं। पिछले 10 सालों में गाजियाबाद में धर्मांतरण के हजारों मामले सामने आए हैं, जिससे इलाके में सामाजिक और धार्मिक तनाव बढ़ा है।
सितंबर में दर्जनों मामले सामने आए
अगर सिर्फ सितंबर महीने की बात करें तो अब तक गाजियाबाद में दर्जनों धर्मांतरण के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से कई मामले जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़े हैं, जहां आर्थिक तंगी या व्यक्तिगत संकट का फायदा उठाकर लोगों को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया।
मौलवी की गिरफ्तारी: झाड़-फूंक और धोखाधड़ी का मामला
हाल ही में गाजियाबाद पुलिस ने एक और मौलवी को गिरफ्तार किया, जो झाड़-फूंक के जरिये धर्मांतरण कराने और आर्थिक धोखाधड़ी में शामिल पाया गया। यह मामला तब सामने आया जब एक किडनी फेल्योर से पीड़ित महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि मौलवी ने उसके पति का धर्म परिवर्तन करवाया और उससे लाखों रुपये भी ठग लिए। महिला पिछले 12 सालों से डायलिसिस पर है, और मौलवी ने उसकी बीमारी का फायदा उठाकर उसके पति को धार्मिक रस्मों में उलझा दिया।
महिला ने शिकायत में बताया कि उसके पति श्रीष ओझा, जो पहले एक कंसल्टेंसी फर्म चला रहे थे, जुलाई 2023 में आर्थिक संकट में फंस गए। इस दौरान एक रात उसने अपने पति को अचानक अगरबत्ती जलाकर तस्बीह पढ़ते देखा, जिससे उसे शक हुआ। जब उसने पति के मोबाइल में मौलवी की बातों की रिकॉर्डिंग सुनी, तो उसके शक की पुष्टि हुई।
धोखे से धर्मांतरण और लाखों की ठगी
गाजियाबाद के डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि मौलवी अब्दुल रहमान ने स्वीकार किया है कि वह झाड़-फूंक और देसी दवाई देने के बहाने से लोगों को अपने जाल में फंसाता था। उसने श्रीष ओझा को इलाज और आर्थिक सुधार का झांसा देकर 7 लाख रुपये ठग लिए और उनसे जबरन धर्म परिवर्तन भी करवा दिया। इतना ही नहीं, मौलवी ने दूसरी लड़की से निकाह कराने का लालच देकर भी ओझा से पैसे ऐंठे।
पुलिस इस मामले की और गहराई से जांच कर रही है और उन लोगों की तलाश में जुटी है जिन्होंने ओझा को मौलवी से मिलवाया था। यह भी जांच की जा रही है कि कितने और लोग इस झाड़-फूंक के जरिए ठगे जा चुके हैं।
दूसरी शिकायत: प्रधानमंत्री से मुलाकात का झांसा देकर ठगी
इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई, जब महिला ने तीन अन्य लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एक और एफआईआर दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि इन लोगों ने उसके पति को प्रधानमंत्री से मिलवाने का झांसा देकर 23 लाख रुपये से ज्यादा ठग लिए। इन व्यक्तियों ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में कार्यरत बताकर यह ठगी की।
गाजियाबाद पुलिस अब इन तीनों व्यक्तियों की तलाश में जुटी हुई है। इस घटना ने इलाके में धर्मांतरण और धोखाधड़ी के मामलों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, जहां धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर लोगों को ठगा जा रहा है।
गाजियाबाद में धर्मांतरण के मामलों में हो रही इस वृद्धि ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि धार्मिक और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाकर किस तरह से उन्हें मानसिक और आर्थिक शोषण का शिकार बनाया जा रहा है।