गुजरात के पाटन ज़िले से आई एक सनसनीखेज़ घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। जाने पूरी खबर ? 

Gujarat News:-गुजरात के पाटन ज़िले में हाल ही में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को दहशत और भ्रम में डाल दिया। 27 मई की सुबह एक अधजला शव गांव के बाहर मिला, जिसने पहले तो जातीय हिंसा की आशंका खड़ी कर दी। शव घाघरा और ब्लाउज में लिपटा हुआ था और जब पता चला कि मृतक एक दलित समुदाय से आने वाला 56 वर्षीय मजदूर है, तो मामला और गंभीर हो गया। गांव में तनाव फैलने लगा, लोगों को लगा कि यह दलित विरोधी हमला है।
लेकिन जब पुलिस ने तहकीकात की, तो कहानी ने एक चौंकाने वाला मोड़ लिया। कुछ ही घंटों में पुलिस ने गांव की 22 साल की गीता नाम की युवती और उसके प्रेमी भरत लुभा अहिर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में जो सच सामने आया, उसने हर किसी को हैरान कर दिया।
गीता की चालाकी भरी साजिश
पुलिस के अनुसार, गीता पहले से शादीशुदा थी लेकिन वह भरत नाम के युवक से प्रेम करती थी। दोनों जोधपुर भागकर नया जीवन शुरू करना चाहते थे। लेकिन गीता को डर था कि उसके घर वाले उसे ढूंढ लेंगे। इसी डर से उसने एक खौफनाक योजना बनाई — खुद को ‘मरा हुआ’ साबित करना।
इसके लिए उन्होंने गांव के एक अधेड़ दलित मजदूर हरजी देभा सोलंकी को चुना। गीता और भरत ने पहले उसे शराब पिलाई, जब वह बेहोश हो गया तो उसे मार डाला। इसके बाद उसका शव गीता के कपड़ों — घाघरा और ब्लाउज — में लपेट दिया ताकि लोग समझें कि मरने वाली गीता है। इसके बाद उन्होंने शव को जलाने की कोशिश की, जिससे पहचान मुश्किल हो जाए।
जातीय तनाव, फिर सच का खुलासा
जब 27 मई की सुबह शव मिला, तो लोग समझ नहीं पाए कि यह किसका शव है। कपड़े देखकर लोगों को लगा कि यह एक महिला की हत्या है — और जब पता चला कि शव एक दलित व्यक्ति का है, तो मामला तुरंत जातीय तनाव की तरफ मुड़ गया। लेकिन पुलिस ने तेजी दिखाई और 24 घंटे के भीतर सच्चाई सामने लाकर गीता और भरत को 28 मई की सुबह 4 बजे पालनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। वे दोनों जोधपुर की ट्रेन पकड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे।
पहले से चल रही है दलितों पर हिंसा की चिंता
इस घटना ने एक और बड़ी सच्चाई की ओर ध्यान खींचा है — गुजरात में दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचार। मार्च 2025 में साबरकांठा में एक दलित को नग्न कर बेरहमी से पीटा गया था, और मई 2025 में अमरेली में एक दलित की हत्या महज इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उसने एक लड़के को “बेटा” कह दिया था। ऐसे में जब पाटन में अधजला शव मिला, तो लोगों का डर और गुस्सा स्वाभाविक था।
हत्या, साजिश और एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज
गीता और भरत के खिलाफ हत्या, षड्यंत्र और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और गांव में तनाव को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ा दिए गए हैं।