Hafiz Saeed:-पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी जिले में अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक संगठन, पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (PMML) के प्रमुख मौलाना काशिफ अली की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। जाने पूरा मामला ? 

Hafiz Saeed:-पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकवाद से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद के साले मौलाना काशिफ अली की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी इलाके में सोमवार को उनके घर के बाहर कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन पर हमला किया और मौके से फरार हो गए।
काशिफ अली लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक संगठन पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) का प्रमुख था। यह संगठन 2024 में लश्कर के सरगना हाफिज सईद ने बनाया था। इस संगठन का मकसद पाकिस्तान में लश्कर की विचारधारा को मजबूत करना और उसे राजनीतिक समर्थन दिलाना था।
कैसे हुई हत्या?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर बाइक पर आए थे और उन्होंने स्वचालित हथियारों से काशिफ अली पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। गोली लगते ही वह मौके पर ही गिर पड़ा और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। यह हमला इतना अचानक हुआ कि आसपास के लोग कुछ समझ पाते, तब तक हमलावर फरार हो चुके थे। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया।
क्यों मारा गया काशिफ अली?
हालांकि अब तक किसी भी संगठन ने इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े लोगों का इस तरह मारा जाना कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ महीनों में लश्कर-ए-तैयबा के तीन और आतंकियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से दो सड़क हादसों में मारे गए थे। अब काशिफ अली की हत्या ने फिर से इस संगठन को सुर्खियों में ला दिया है।
पाकिस्तान में आतंकी खुद ही क्यों मारे जा रहे हैं?
पाकिस्तान में आतंकवादियों के बीच आपसी रंजिश, गुटबाजी और सत्ता संघर्ष कोई नई बात नहीं है। कई बार आतंकी संगठनों के बीच धन, सत्ता और विचारधारा को लेकर झगड़े हो जाते हैं और एक-दूसरे के खिलाफ हमले करवाए जाते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान में सेना और खुफिया एजेंसियों का आतंकवादियों को इस्तेमाल करने और बाद में खुद ही उन्हें ठिकाने लगाने का लंबा इतिहास रहा है।
हाफिज सईद – मुंबई हमले का मास्टरमाइंड
हाफिज सईद पाकिस्तान के सबसे खूंखार आतंकवादियों में से एक है। वह लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और जमात-उद-दावा का सरगना है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड वही था, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
भारत ने हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित कर रखा है, और अमेरिका ने भी उस पर 1 करोड़ डॉलर (करीब 80 करोड़ रुपये) का इनाम रखा है। इसके बावजूद, पाकिस्तान उसे लगातार बचाता रहा है। जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है, तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार कर दिखावे के लिए जेल में डाल देता है और फिर कुछ समय बाद किसी न किसी बहाने रिहा कर देता है।
इस हत्या से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए भी हालात सुरक्षित नहीं रहे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि काशिफ अली की हत्या के पीछे कौन था और क्या लश्कर-ए-तैयबा इस हत्या का बदला लेने की कोशिश करेगा। पाकिस्तान सरकार और उसकी एजेंसियां पहले की तरह इस मामले पर चुप्पी साधे रहेंगी या कोई कार्रवाई करेंगी, यह भी देखने वाली बात होगी।