Hockey:-भारत ने हॉकी में 52 साल बाद जीता ब्रॉन्ज मेडल , कुश्ती में करना पड़ा हार का सामना

Hockey Bronze Medal Paris Olympics 2024:-पेरिस से भारत के लिए आई खुशखबरी भारत ने जीता हॉकी में 52 साल बाद में ब्रॉन्ज मेडल जीता है , भारत ने हॉकी मैच में स्पेन को हराया।Hockey

Hockey Bronze Medal Paris Olympics 2024:-पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया। गुरुवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल मैच में भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर ओलंपिक पदक जीता। यह जीत न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण थी, बल्कि लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने का एक अद्भुत प्रदर्शन भी। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था, और इस जीत के साथ भारत ने ओलंपिक में अपना 13वां हॉकी मेडल प्राप्त किया है, जिनमें 8 गोल्ड मेडल शामिल हैं।

मैच का हाल

भारत और स्पेन के बीच खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम की जीत के हीरो कप्तान हरमनप्रीत सिंह रहे, जिन्होंने टीम के लिए दोनों गोल किए। इस जीत ने न केवल भारत को मेडल दिलाया, बल्कि यह मैच भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश के करियर का अंतिम मैच भी साबित हुआ। श्रीजेश, जिन्हें भारतीय हॉकी की ‘दीवार’ कहा जाता है, ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह उनका आखिरी मैच होगा। इस यादगार जीत के साथ उन्होंने ओलंपिक पदक के साथ संन्यास लिया।

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पहला क्वार्टर: टक्कर और तनाव

मैच की शुरुआत से ही दोनों टीमों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली। पहले क्वार्टर में भारत और स्पेन दोनों ने एक-दूसरे पर कई हमले किए, लेकिन कोई भी टीम गोल करने में सफल नहीं हो सकी। क्वार्टर के अंत में स्कोर 0-0 पर ही था, जिससे यह साफ था कि मुकाबला बेहद कड़ा होगा।

दूसरा क्वार्टर: स्पेन का बढ़त और भारत की वापसी

स्पेन ने दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में पहला गोल करके बढ़त बना ली। उन्हें यह गोल पेनाल्टी स्ट्रोक के जरिए मिला, जिसे मार्को मिरालेस ने बड़े आराम से गोल में तब्दील किया। इस गोल ने भारत पर दबाव बनाया, लेकिन भारतीय टीम ने धैर्य बनाए रखा। क्वार्टर के आखिरी मिनट में भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने इसे गोल में बदलकर भारत को 1-1 की बराबरी दिलाई। हाफ टाइम तक स्कोर 1-1 पर था, और मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका था।

तीसरा क्वार्टर: भारत की बढ़त

तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही भारत ने अपनी रणनीति को आक्रामक बनाया। 33वें मिनट में भारत को फिर से पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे हरमनप्रीत सिंह ने एक बार फिर गोल में बदलकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया। इस गोल के बाद भारतीय टीम ने न केवल अपनी बढ़त कायम रखी, बल्कि स्पेन पर दबाव बनाए रखा।

अंतिम क्वार्टर: भारतीय डिफेंस का शानदार प्रदर्शन

आखिरी क्वार्टर में स्पेन ने बराबरी करने के लिए हर संभव प्रयास किया। समय निकलता देख, स्पेन ने अपने गोलकीपर को भी बाहर निकाल लिया और ऑलआउट अटैक किया। एक समय तो भारतीय हाफ में स्पेन के 11 खिलाड़ी नजर आ रहे थे, लेकिन भारतीय डिफेंडर्स ने जबरदस्त डिफेंस का प्रदर्शन करते हुए स्पेन को बराबरी का कोई मौका नहीं दिया। मैच के अंतिम मिनटों में स्पेन की ओर से किए गए हर हमले को भारतीय खिलाड़ियों ने नाकाम कर दिया।

श्रीजेश को विदाई और भारतीय हॉकी का भविष्य

इस जीत के साथ ही पीआर श्रीजेश ने ओलंपिक मेडल के साथ संन्यास लिया। उन्होंने भारतीय हॉकी को अपनी सेवाएं दीं और अपनी आखिरी पारी को ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल के साथ समाप्त किया। उनकी इस यात्रा ने भारतीय हॉकी को नए आयाम दिए और उन्होंने अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में छोड़ दिया।

भारतीय हॉकी का ओलंपिक सफर

इस जीत के साथ, भारत ने ओलंपिक में कुल 13 हॉकी मेडल जीते हैं, जिसमें 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज शामिल हैं। भारतीय हॉकी टीम ने अपने गौरवशाली इतिहास को फिर से जीवंत किया है और आने वाले ओलंपिक के लिए अपनी दावेदारी को और मजबूत किया है।

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम की यह जीत न केवल उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि भारतीय हॉकी का भविष्य उज्जवल है। कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पीआर श्रीजेश जैसे खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि भारतीय हॉकी की विरासत अभी भी जीवित है और नए खिलाड़ी इस विरासत को और आगे ले जाएंगे। इस जीत ने पूरे देश को गर्वित किया है और भारत के ओलंपिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ा है।

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