IND vs AUS 1st Test:-पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने एक ऐसा करिश्मा कर दिखाया जिसे आने वाले समय में क्रिकेट प्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे। जाने जीत के मायने ?
IND vs AUS 1st Test:-भारतीय क्रिकेट टीम ने पर्थ टेस्ट में ऐसा कमाल कर दिखाया, जिसे क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। जिस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को 2018 से कोई हरा नहीं सका, वहां भारत ने पहले टेस्ट मैच में उन्हें 295 रन से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही भारत ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की पॉइंट टेबल में ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़कर फिर से नंबर-1 स्थान हासिल कर लिया।
पहले दिन भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। सिर्फ 150 रन पर ऑलआउट होने के बाद हार की आशंका हर किसी के चेहरे पर थी। लेकिन टीम इंडिया ने हार मानने के बजाय वापसी की कहानी लिखनी शुरू की।
जसप्रीत बुमराह: कप्तान ने दिलाई भरोसेमंद जीत
जसप्रीत बुमराह के लिए यह मैच किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था। भारतीय गेंदबाजी के अगुआ बुमराह ने अपने प्रदर्शन से हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया। पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट झटके और ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 104 रन पर समेट दिया।
दूसरी पारी में बुमराह ने एक बार फिर कमाल करते हुए 3 विकेट चटकाए। खासकर जिस तरह उन्होंने ट्रेविस हेड को आउट किया, वह युवा गेंदबाजों के लिए सीखने लायक है। कुल मिलाकर बुमराह ने इस मैच में 8 विकेट लिए और यह साबित कर दिया कि वह क्यों भारत के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज हैं।
यशस्वी जायसवाल: पहले टेस्ट में चमका नया सितारा
पहली पारी में बिना खाता खोले आउट होने वाले यशस्वी जायसवाल ने दूसरी पारी में ऐसा जवाब दिया कि हर कोई उनकी तारीफ कर उठा। उन्होंने शानदार 161 रन की पारी खेली और भारतीय पारी को मजबूत नींव दी।
इस शतक के साथ यशस्वी, ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय डेब्यू ओपनर बन गए। इससे पहले यह कारनामा सिर्फ एमएल जयसिम्हा और सुनील गावस्कर कर सके थे।
केएल राहुल: अनुभव ने दिया सहारा
केएल राहुल ने पर्थ में ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने पहली पारी में मुश्किल परिस्थितियों में 26 रन बनाए और दूसरी पारी में शानदार 77 रन की पारी खेली।
यशस्वी और राहुल के बीच 201 रनों की ओपनिंग साझेदारी हुई, जो ऑस्ट्रेलिया में भारतीय ओपनर्स की सबसे बड़ी साझेदारी है। राहुल ने अपने अनुभव से युवा यशस्वी को सहारा दिया और एक मजबूत शुरुआत दी।
विराट कोहली: क्लासिक बल्लेबाजी का नजारा
पहली पारी में फ्लॉप रहने वाले विराट कोहली ने दूसरी पारी में शानदार वापसी की। उन्होंने 106 रन बनाए और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। कोहली की बल्लेबाजी का अंदाज वनडे की याद दिलाता है। उनके शतक के आखिरी 50 रन सिर्फ 49 गेंदों में आए।
नीतीश कुमार रेड्डी: डेब्यू मैच में कमाल
इस मैच में भारत के लिए पांचवां हीरो नीतीश कुमार रेड्डी रहे। पहली पारी में जब भारत संघर्ष कर रहा था, तब उन्होंने 41 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्होंने 38 रन का योगदान दिया और गेंदबाजी में मिचेल मार्श का अहम विकेट भी लिया।
मैच
भारत ने पहली पारी में 150 रन बनाए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 104 रन पर सिमट गया। दूसरी पारी में भारत ने 487/6 का विशाल स्कोर खड़ा कर ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का लक्ष्य रखा। मेजबान टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रन बना पाई और भारत ने 295 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
इस जीत के साथ भारत ने न केवल पर्थ के अजेय किले (ऑप्टस स्टेडियम) को फतह किया, बल्कि डब्ल्यूटीसी की पॉइंट टेबल में भी अपनी बादशाहत साबित की। यह जीत हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए गर्व का क्षण है।
यह जीत बताती है कि मुश्किल हालात में भी भारतीय टीम लड़ना जानती है और असंभव को संभव करने का जज्बा रखती है।