India-Bangladesh tension: मुजीब-इंदिरा समझौते को तोड़कर सीमा पर बांध बना रहा बांग्लादेश, बढ़ा सुरक्षा और बाढ़ का खतरा

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पिछले कुछ सालों से कई मोर्चों पर तल्ख़ होते जा रहे हैं। खासकर जब से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार आई है, जाने पूरी खबर ?  India-Bangladesh tension:

India-Bangladesh News:-भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहे। बांग्लादेश के मौजूदा मुखिया मोहम्मद यूनुस लगातार भारत विरोधी फैसले और बयान दे रहे हैं। इतना ही नहीं, वहां अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर हिंदुओं पर हमले भी बढ़ गए हैं।

अब इसी कड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो दोनों देशों के रिश्ते को और ज्यादा बिगाड़ सकता है।

📍 क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बांग्लादेश ने दक्षिणी त्रिपुरा के पास मुहुरी नदी के किनारे एक बड़ा बांध बनाना शुरू कर दिया है।

👉 ये बांध 1.5 किलोमीटर लंबा और 20 फीट ऊंचा है।
👉 सबसे बड़ी बात ये है कि ये बांध सीमा की जीरो लाइन से सिर्फ 50 गज की दूरी पर बनाया जा रहा है।
👉 कुछ जगह तो ये बांध सिर्फ 10 गज दूर है।

इस बांध के बनने से भारत के इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। बारिश के दिनों में जब पानी का बहाव तेज़ होगा, तो बांध की वजह से पानी रुक सकता है और भारतीय इलाके में पानी भरने की नौबत आ सकती है।

📌 स्थानीय लोग और नेता भी परेशान

इस पूरे मामले से नेताजी सुभाष चंद्र नगर इलाके के लोग बेहद परेशान हैं। वहां करीब 500 से ज्यादा परिवार रहते हैं। उन्हें डर है कि बांध बनने के बाद उनका इलाका बारिश में डूब जाएगा।

स्थानीय विधायक दिपांकर सेन ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचाया है। उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।

📖 मुजीब-इंदिरा समझौते की अनदेखी

अब आपको बताते हैं इस मामले का सबसे बड़ा पहलू।
बांग्लादेश की आज़ादी के वक्त 1972 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान और भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच एक समझौता हुआ था।

इस समझौते के मुताबिक
👉 सीमा की जीरो लाइन से 150 गज के दायरे में कोई भी देश कोई निर्माण कार्य नहीं करेगा।

लेकिन अब बांग्लादेश इस समझौते की धज्जियां उड़ा रहा है। उन्होंने बिना भारत को बताए सिर्फ 50 गज दूर ये बांध बना डाला।

इतना ही नहीं, इससे पहले भी कई बार जब भारत ने सीमा पर पानी रोकने या बांध बनाने की योजना बनाई थी, तो इसी समझौते का हवाला देकर काम रोक दिया गया था।

📌 सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में कहा है कि उन्हें इस मसले की जानकारी है और मामले की रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।

वहीं, दक्षिण त्रिपुरा के पुलिस कमिश्नर सी. सेन ने बताया है कि बांग्लादेश इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है।

इधर, बांग्लादेश की ज़िद को देखते हुए भारत ने भी उसी इलाके में बांग्लादेश के बांध से और ऊंचा बांध बनाने का काम शुरू कर दिया है।

📌 पहले भी कर चुका है ऐसा काम

इससे पहले भी जनवरी 2025 में बांग्लादेश ने एक और इलाक़े में इसी तरह जीरो लाइन के करीब बांध बनाने की कोशिश की थी। उस वक्त त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा ने विरोध जताया था।

लेकिन बांग्लादेश ने बात नहीं मानी। इसलिए भारत ने भी अपनी सीमा में बांध बनाना शुरू कर दिया।

📌 क्यों है ये गंभीर मामला?

  1. दोनों देशों के बीच पुराना समझौता टूट रहा है।

  2. भारत की सुरक्षा को खतरा बढ़ सकता है।

  3. भारतीय इलाके में बाढ़ आने का डर।

  4. अल्पसंख्यकों पर हमलों से पहले ही माहौल तनावपूर्ण है।

👉 भारत सरकार को तुरंत बांग्लादेश से इस मुद्दे पर सख्ती से बात करनी चाहिए।
👉 सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए।
👉 स्थानीय लोगों की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए जाने चाहिए।

दोस्ती और पड़ोसी होने का रिश्ता जितना अहम है, उतना ही जरूरी है कि दोनों देश पुराने समझौतों का सम्मान करें।

अगर बांग्लादेश इस तरह एकतरफा फैसले लेगा, तो इससे सिर्फ रिश्ते खराब होंगे और सीमा क्षेत्र में रहने वाले आम लोगों की ज़िंदगी मुश्किल में पड़ जाएगी।

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