India से करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान चीन की शरण में।

हाल ही में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है। इस स्थिति में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार तीन दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे हैं। जाने पूरी खबर ? India PAk

India News:-भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से हिल गया है। भारत की सटीक और कठोर सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग कर दिया है। पाकिस्तान ने इस संकट से निकलने के लिए अपने पुराने दोस्त चीन का दरवाजा खटखटाया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार 19 मई से 21 मई तक तीन दिवसीय दौरे पर बीजिंग में हैं, जहां वे चीन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।

भारत-पाकिस्तान तनाव: कैसे बढ़ा मामला?

इस पूरे विवाद की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जहां आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस बर्बर हमले का जवाब भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कार्रवाई आतंकियों और उनके ठिकानों के खिलाफ थी, जो पाकिस्तान की जमीन से संचालित हो रहे थे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बेचैनी

भारत की इस सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान को चौंका दिया और वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ गया। कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत ने पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को बेनकाब करने के लिए ‘ऑल पार्टी डेलिगेशन’ भेजने की योजना बनाई है, जो दुनिया को बताएगा कि पाकिस्तान किस तरह आतंकवाद को समर्थन दे रहा है और किस तरह पहलगाम नरसंहार के बाद उसने झूठ फैलाने की कोशिश की।

चीन की शरण में पाकिस्तान

इस स्थिति में पाकिस्तान ने चीन की ओर रुख किया है। विदेश मंत्री इशाक डार का बीजिंग दौरा इसी हताशा का नतीजा है। डार की चीन यात्रा का उद्देश्य सिर्फ चीन से समर्थन पाना नहीं है, बल्कि भारत के खिलाफ चीन को कूटनीतिक और सामरिक मोर्चे पर सक्रिय करना भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इशाक डार चीनी विदेश मंत्री से मिलेंगे और उन्हें भारत के साथ बढ़ते तनाव की पूरी कहानी बताएंगे।

क्या चाहता है पाकिस्तान?

पाकिस्तान चाहता है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत पर दबाव बनाए ताकि वह अपनी सैन्य कार्रवाई रोके। इसके अलावा, पाकिस्तान चीन से राजनयिक और सैन्य सहायता भी हासिल करना चाहता है। चीन हमेशा से पाकिस्तान का ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ (हर मौसम में साथ निभाने वाला दोस्त) रहा है, और पाकिस्तान इस भरोसे के साथ बीजिंग पहुंचा है कि चीन उसकी मदद जरूर करेगा।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पर भी चर्चा

इस यात्रा में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) का मुद्दा भी प्रमुख रहेगा। पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच CPEC परियोजनाएं उसके लिए जीवनरेखा जैसी हैं। डार का दौरा इन परियोजनाओं की सुरक्षा और निरंतरता पर भी केंद्रित रहेगा, खासकर जब भारत की कार्रवाई के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है।

चीन का क्या फायदा?

चीन भी इस मौके का फायदा उठाना चाहता है। एक तरफ वह पाकिस्तान को अपने नियंत्रण में रखना चाहता है, तो दूसरी ओर भारत के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। चीन, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा कर्जदाता है, इस दोस्ती की कीमत भी वसूल सकता है।

क्या चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देगा?

यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस मौके का इस्तेमाल पाकिस्तान को सांत्वना देने में करता है या फिर इसे भारत के खिलाफ एक और रणनीतिक हथियार के रूप में देखता है। अभी तक चीन ने ऑपरेशन सिंदूर पर “खेद” जताया है और पाकिस्तान को अपनी कूटनीतिक भाषा में समर्थन दिया है।

डार का दौरा: पाकिस्तान के लिए आखिरी उम्मीद?

इशाक डार का यह दौरा पाकिस्तान की कूटनीतिक हताशा का प्रतीक है। भारत के सख्त रुख और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रभाव के बीच पाकिस्तान को चीन का सहारा ही नजर आ रहा है। सवाल यह है कि क्या चीन इस डूबते जहाज को बचा पाएगा या फिर पाकिस्तान की परेशानियों में और इजाफा होगा?

  • चीन और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बाद क्या चीन भारत पर कोई दबाव बनाएगा?

  • क्या चीन पाकिस्तान को राजनयिक और सैन्य सहायता देने के लिए तैयार होगा?

  • भारत की ओर से ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा कैसे दिखाएगा?

  • क्या चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई नया समझौता होगा?

 

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