राजस्थान के pokhran में भारतीय सेना ने किया पिनाका रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण

भारतीय सेना ने हाल ही में राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी रूप से विकसित पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का अभ्यास किया, जाने पूरी खबर ? pokhran

pokhran News:-भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में एक बेहद अहम सैन्य अभ्यास किया, जिसमें देश में बना हुआ पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (Pinaka MBRL) इस्तेमाल किया गया। ये जानकारी फर्स्टपोस्ट को एक ऐसे सूत्र से मिली है जो इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े हैं। लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से न तो उस शख्स का नाम बताया गया और न ही फायरिंग अभ्यास की सही तारीख उजागर की गई।

सूत्रों का कहना है कि पिनाका सिस्टम की अगली फायरिंग कुछ ही हफ्तों में फिर से की जाएगी। इस अभ्यास की कोई आधिकारिक रिपोर्ट पहले सामने नहीं आई थी। ये अभ्यास ऐसे समय पर हुआ है जब देश की सुरक्षा व्यवस्था बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रही है। खासकर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और भी बढ़ गया है।

क्या है पिनाका और क्यों है ये इतना खास?

पिनाका सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष “पिनाक” से लिया गया है, और ये पूरी तरह भारत में ही तैयार किया गया है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने डिजाइन किया है और इसे बनाने का काम टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो जैसी बड़ी भारतीय कंपनियां करती हैं।

यह एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर है, यानी एक साथ कई रॉकेट दाग सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये सिर्फ 44 सेकंड में 72 रॉकेट दाग सकता है। और ये रॉकेट 60 किलोमीटर दूर तक जाकर 7 टन तक के भारी विस्फोटक गिरा सकते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि किसी भी दुश्मन की बड़ी टुकड़ी को बहुत कम समय में निशाना बनाया जा सकता है।

उन्नत तकनीक से लैस

पिनाका में जीपीएस (GPS) और आधुनिक नेविगेशन सिस्टम लगे हैं, जिससे ये रॉकेट बिल्कुल सटीक जगह पर गिरते हैं। इससे दुश्मन पर तेज़ और सटीक हमला किया जा सकता है, जिससे हमारी सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाती है।

पिनाका का एक और वर्जन Mk-II ER के नाम से जाना जाता है, जिसकी रेंज बढ़ाकर 90 किलोमीटर कर दी गई है। और अभी DRDO इस सिस्टम को और भी ज़्यादा ताकतवर बनाने पर काम कर रहा है ताकि इसकी मारक क्षमता 120, 150 और यहां तक कि 200 किलोमीटर तक हो जाए।

भारत की आत्मनिर्भरता की मिसाल

पिनाका सिस्टम भारत की “मेक इन इंडिया” पहल की एक शानदार मिसाल है। यह पूरी तरह से देश में ही तैयार होता है और भारत अब हर साल 5,000 से ज्यादा पिनाका रॉकेट बनाने में सक्षम है। इससे न सिर्फ देश की सुरक्षा मजबूत होती है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होता है।

क्यों है यह परीक्षण ज़रूरी?

जब देश के सामने आतंकी हमले और सीमाओं पर तनाव जैसी चुनौतियाँ होती हैं, तब सेना को हर समय तैयार रहना होता है। ऐसे में पिनाका जैसे सिस्टम का परीक्षण यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है, चाहे वह युद्ध हो या सीमापार आतंकवाद।

इस तरह पिनाका सिस्टम भारतीय सेना की ताकत को और मज़बूत करता है, और देशवासियों को यह भरोसा दिलाता है कि हमारी सीमाओं की रक्षा पूरी तरह सुरक्षित हाथों में है।

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