Indian Railways:-कुछ दिनों पहले ही कानपूर में बड़ी साजिश को अंजाम देने वाले थे पर वो नाकाम हो गई ठीक वैसे ही अजमेर में भी ट्रैन की पटरी पर भी सीमेंट का एक बड़ा ब्लॉक को रख दिया बाद में पता चलने पर यह साजिश को नाकाम कर दिया है जाने पूरी घटना ?
Indian Railways News:–हाल के दिनों में भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं को लेकर एक के बाद एक साजिशें सामने आ रही हैं, जो न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक संकेत देती हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर और राजस्थान के अजमेर में दो ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश की गई। हालाँकि, दोनों घटनाओं में बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इन घटनाओं ने रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश
9 सितंबर की रात राजस्थान के अजमेर में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर एक साजिश को नाकाम किया गया। जानकारी के अनुसार, सराधना और बांगड़ ग्राम रेलवे स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर लगभग एक क्विंटल वजनी सीमेंट ब्लॉक रखे गए थे। यह प्रयास इस उद्देश्य से किया गया था कि ट्रेन जब उस स्थान से गुजरे, तो पटरी से उतर जाए। हालाँकि, राहत की बात यह रही कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई।
ट्रेन फुलेरा से अहमदाबाद की ओर जा रही थी, जब चालक ने इंजन से सीमेंट ब्लॉक के टकराने की आवाज सुनी और ट्रेन को रोका। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। रेलवे के कर्मचारियों ने पाया कि ब्लॉक टूटकर ट्रैक से अलग गिर गया था। घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर एक और ब्लॉक रखा गया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ट्रेन को बेपटरी करने की यह एक सुनियोजित साजिश थी।
जांच और सुरक्षा उपाय
इस घटना के बाद रेलवे के कर्मचारी रवि बुंदेला और विश्वजीत दास ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई, और मामले की जांच शुरू हो गई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन (DFCC) ने मिलकर इस मार्ग पर गश्त शुरू की और आगे की ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया। पुलिस इस घटना को गंभीरता से ले रही है और फिलहाल यह जांच जारी है कि इस साजिश के पीछे कौन है और क्या इसके पीछे कोई आतंकवादी संगठन का हाथ हो सकता है।
कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस पर हमले की कोशिश
इस घटना से पहले, उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 सितंबर की रात को भी एक ऐसी ही साजिश का खुलासा हुआ था। प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के रेलवे ट्रैक पर एक गैस सिलेंडर रखा गया था, जिससे ट्रेन टकरा गई। हालांकि, ट्रेन को किसी बड़े नुकसान से बचा लिया गया, लेकिन यह घटना भी एक गंभीर साजिश की ओर इशारा करती है।
कानपुर की इस घटना के बाद जांच एजेंसियां इस मामले को आतंकी संगठन ISIS के खुरासान माड्यूल से जोड़कर देख रही हैं। एजेंसियां इसे लोन वुल्फ अटैक (एकल हमलावर द्वारा किया गया हमला) की कोशिश भी मान रही हैं। कुछ दिनों पहले एजेंसियों को एक अलर्ट भी मिला था, जिसमें देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और रेलवे को निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी गई थी।
कानपुर में पिछले एक महीने के दौरान रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाने और ट्रेन को बेपटरी करने की दो साजिशें सामने आई हैं, जिसके चलते खुरासान माड्यूल शक के घेरे में है। जांच एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या हाल ही में विदेश से कुछ लोग कानपुर के बिल्हौर इलाके में आए थे, जो इस साजिश से जुड़े हो सकते हैं।
रेलवे की सुरक्षा चिंताएं
इन दोनों घटनाओं ने भारतीय रेलवे की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। देशभर में बढ़ते रेल हादसों के मामलों के बीच रेलवे प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं को और मजबूत करे।
रेलवे ट्रैक पर किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना जल्द से जल्द अधिकारियों को देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, रेलवे के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त बढ़ाने की भी जरूरत है।
कानपुर और अजमेर में हुए इन हादसों से यह स्पष्ट है कि रेलवे पर साजिशें बढ़ती जा रही हैं और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गई है। चाहे यह साजिशें आतंकवादियों की हों या किसी और की, इन घटनाओं से निपटने के लिए तुरंत और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।