1971 की वो रातें एक बार फिर ताजा हो उठीं हैं। तब भारत ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया था कि उसका नक्शा ही बदल गया। अब 54 साल बाद, इतिहास खुद को दोहराने को तैयार दिख रहा है। जाने इसके बारे में ? 

India- Pakistan News:-भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दोनों देशों के रिश्तों में जहर घोल दिया है। अब भारत ने इस हमले का जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी के तहत 7 मई 2025 को पूरे देश में मॉक ड्रिल होने जा रही है। इस अभ्यास में युद्ध जैसे हालात बनाए जाएंगे और 244 जिलों को इसमें शामिल किया गया है।
54 साल बाद फिर युद्ध जैसी तैयारी
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। 54 साल पहले 1971 में भी भारत ने इसी तरह की तैयारी की थी। तब देशभर में मॉक ड्रिल हुई थी और उसके बाद भारत-पाक युद्ध हुआ था, जिसमें पाकिस्तान दो हिस्सों में टूट गया था। पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश बना।
1971 की वो रातें आज भी लोगों की यादों में ताजा हैं। सायरन बजते थे, लोग घरों में छिप जाते थे, गांव और शहरों में रात-रातभर लोग पहरेदारी करते थे। अब एक बार फिर वही माहौल बनने जा रहा है।
क्या फिर टूटेगा पाकिस्तान?
पहलगाम हमले के बाद भारत की रणनीति साफ दिखाई दे रही है—पहले पूरी तैयारी, फिर कार्रवाई। इस बार चर्चा सिर्फ जवाबी हमला तक सीमित नहीं है। कई एक्सपर्ट्स और रणनीतिकारों का कहना है कि अगर युद्ध हुआ, तो पाकिस्तान इस बार सिर्फ दो नहीं, चार टुकड़ों में बंट सकता है।
बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब—ये चारों प्रांत पहले से ही अंदरूनी अस्थिरता से जूझ रहे हैं। अलगाववादी ताकतें इन इलाकों में पहले से सक्रिय हैं। बलूचिस्तान में ‘बलूच लिबरेशन आर्मी’ ने कई हमले किए हैं। कुछ दिन पहले ट्रेन हाईजैक कर उन्होंने सरकार की नींद उड़ा दी थी।
पाकिस्तान अंदर से खोखला हो चुका है
पाकिस्तान इस समय गहरे संकट में है। उसकी अर्थव्यवस्था कमजोर है, महंगाई चरम पर है और जनता नाराज़। सिंध और बलूचिस्तान में लोग लंबे समय से अलग देश की मांग कर रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में पश्तून आबादी पाकिस्तान से अलग होकर या तो अफगानिस्तान में मिलना चाहती है या अलग ‘पश्तूनिस्तान’ की मांग कर रही है।
पंजाब, जो अब तक पाकिस्तान की ताकत माना जाता था, वहां भी अब सरकार और सेना के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं।
भारत का जल प्रहार और रणनीतिक दबाव
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में पानी का संकट और गहरा गया है। यह फैसला पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि उसकी खेती और पीने के पानी का बड़ा हिस्सा भारत से आने वाले नदियों पर निर्भर करता है।
यानी अगर युद्ध होता है तो यह सिर्फ लड़ाई नहीं होगी, बल्कि पाकिस्तान के लिए उल्टी गिनती की शुरुआत हो सकती है।
तो क्या 7 मई की मॉक ड्रिल आखिरी तैयारी है?
माना जा रहा है कि 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल एक तरह से “युद्ध पूर्व अभ्यास” है। इसमें युद्ध जैसे सायरन, आपातकालीन सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा और सैन्य प्रतिक्रिया की जांच होगी। यानी भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि अगर हालात बिगड़ते हैं, तो देश हर मोर्चे पर तैयार हो।
अब सबकी निगाहें 7 मई पर टिकी हैं। भारत अपने नागरिकों को तैयार कर रहा है और सेना को पूरी ताकत से सज्ज कर चुका है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि बार-बार की गई “गीदड़भभकी” अब काम नहीं आएगी। अगर वह भारत से भिड़ता है, तो परिणाम सिर्फ हार नहीं, बिखराव भी हो सकता है।