ईरान और इजरायल के बीच चल रही तनातनी अब सिर्फ युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब ये जंग साइबर दुनिया में भी उतर आई है। जाने इसके बारे में ? 

iran-israel War News:-ईरान और इजरायल के बीच पहले से ही काफी तनाव है, लेकिन अब यह टकराव सिर्फ युद्ध के मैदान तक नहीं रहा। इस बार लड़ाई इंटरनेट की दुनिया यानी साइबर स्पेस में पहुंच चुकी है। एक इजरायली हैकर ग्रुप ‘गोंजेश्के दरांदे’ (जिसे अंग्रेजी में Predatory Sparrow कहा जाता है) ने बड़ा दावा किया है कि उन्होंने ईरान की 48 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी चोरी कर ली है।
🔐 क्या हुआ है?
यह साइबर हमला ईरान की एक बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी ‘Nobitex’ पर किया गया है। Nobitex ईरान की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी एक्सचेंज मानी जाती है, जो बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की सुविधा देती है।
हैकर ग्रुप का आरोप है कि ये कंपनी ईरान सरकार की आतंकी फंडिंग और हथियार खरीदने में मदद कर रही थी। ग्रुप का कहना है कि ईरान इस डिजिटल पैसे का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों को चकमा देकर खतरनाक कामों में कर रहा था।
🧠 हैकर ग्रुप कौन हैं?
Predatory Sparrow यानी ‘गोंजेश्के दरांदे’ कोई नया नाम नहीं है। ये ग्रुप पहले भी ईरान के रेलवे सिस्टम, स्टील फैक्ट्रियों, और सरकारी नेटवर्क्स पर हमले कर चुका है। अब उन्होंने Nobitex पर हमला करके पैसे चुराने के साथ-साथ एक चेतावनी भी दी है।
⚠️ क्या चेतावनी दी है?
हैकर ग्रुप ने दो बड़ी बातें कही हैं:
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उन्होंने कहा है कि वे Nobitex का पूरा सोर्स कोड और कंपनी के अंदर के डेटा को 24 घंटे के अंदर सार्वजनिक कर देंगे।
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उन्होंने ईरान के आम नागरिकों को भी चेतावनी दी है – कि अगर आप ऐसी किसी संस्था के साथ जुड़ते हैं जो आतंकियों को फंड करती है, तो आपकी डिजिटल संपत्ति भी खतरे में पड़ सकती है।
इसका मतलब साफ है – हैकर ग्रुप सिर्फ सरकार को ही नहीं, बल्कि लोगों को भी जागरूक करना चाहता है कि ईरान सरकार किस तरह आम लोगों के पैसे का दुरुपयोग कर रही है।
💥 सिर्फ Nobitex नहीं, बैंक भी निशाने पर
इस हफ्ते ईरान के सबसे ताकतवर बैंक ‘सेपाह बैंक’ (Sepah Bank) पर भी साइबर हमला हुआ है। यह बैंक ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अधीन है, जो देश की सेना और सुरक्षा से जुड़ा एक बेहद ताकतवर संगठन है।
Predatory Sparrow ने दावा किया है कि उन्होंने सेपाह बैंक का पूरा डेटा मिटा दिया है और इसके बाद देश के कई पेट्रोल पंपों की सर्विस भी ठप हो गई। ईरानी मीडिया ने इस हमले को लेकर चुप्पी साध रखी है, लेकिन अंदर ही अंदर सरकार की चिंता बढ़ गई है।
📉 ईरान के लिए खतरे की घंटी
यह घटना ईरान के साइबर सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करती है। जहां एक तरफ सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को मज़बूत दिखाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसकी डिजिटल सुरक्षा बार-बार टूट रही है।
अगर Nobitex का डेटा सच में लीक हो गया तो इससे ईरानी सरकार की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल जाएगी – कि कैसे वे डिजिटल करेंसी के जरिए फंड जुटाकर हथियारों और आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
Predatory Sparrow का यह हमला सिर्फ एक साइबर अटैक नहीं है – यह एक साफ संदेश है। यह संदेश है कि अब जंग सिर्फ हथियारों से नहीं लड़ी जा रही, बल्कि डेटा और कोड भी नए युद्ध के हथियार बन चुके हैं।
इस हमले ने दिखा दिया है कि अब दुनिया में डिजिटल संपत्ति भी उतनी ही असुरक्षित है, जितनी भौतिक संपत्ति। और जो सरकारें इसका गलत इस्तेमाल करेंगी, उन्हें रोकने के लिए साइबर स्पेस के अंदर भी जंग लड़ी जाएगी।