Israel-Hezbollah War:-यह घटना शुक्रवार शाम को हुई, जब इजरायली सेना ने बेरूत पर एक बड़ा हवाई हमला किया इसके अंदर नसरल्लाह की मौत हो गई है जाने।
Israel-Hezbollah War:-लेबनानी सशस्त्र समूह हिज्बुल्लाह ने अपने नेता हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि कर दी है। एक आधिकारिक बयान में, हिज्बुल्लाह ने इजरायल के उस दावे को सही बताया, जिसमें कहा गया था कि नसरल्लाह की मौत इजरायल के हवाई हमले में हुई थी। यह हमला शुक्रवार शाम को बेरूत में हुआ, जहां इजरायली विमानों ने एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें हिज्बुल्लाह के प्रमुख नसरल्लाह की मौत हो गई।
हिज्बुल्लाह :
हिज्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि नसरल्लाह “शहीद होने वाले अपने साथियों में शामिल हो गए हैं।” संगठन ने इस बात का भी संकल्प लिया कि वे “दुश्मन के खिलाफ और फिलिस्तीन के समर्थन में युद्ध जारी रखेंगे।” नसरल्लाह तीन दशकों से अधिक समय से हिज्बुल्लाह का नेतृत्व कर रहे थे, और उनकी मृत्यु ने पूरे मिडिल ईस्ट में संघर्ष की संभावना को और बढ़ा दिया है।
इजरायल का हमला और क्षेत्रीय युद्ध की संभावना:
इजरायल ने लंबे समय से हिज्बुल्लाह के खिलाफ अपनी सैन्य रणनीति को तेज किया है, और नसरल्लाह की हत्या इस संघर्ष का एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। मिडिल ईस्ट के विशेषज्ञों का मानना है कि नसरल्लाह की मौत से पूरे इलाके में जंग का तरीका बदल सकता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अब यह संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है, जिसमें ईरान की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब यह संघर्ष केवल हिज्बुल्लाह और इजरायल तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें लेबनान, यमन, इराक और संभवतः अन्य देशों से भी बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया आ सकती है। ऐसे में पूरे क्षेत्र में युद्ध के भड़कने की आशंका जताई जा रही है।
ईरान की स्थिति और परमाणु हमले की अटकलें:
हिज्बुल्लाह का सबसे बड़ा समर्थक ईरान, इस पूरी घटना के बाद सीधे तौर पर संघर्ष में शामिल हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान के पास परमाणु हथियारों के विकास की क्षमता है, और यदि स्थिति बिगड़ती है, तो ईरान परमाणु हमले का विकल्प चुन सकता है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ऐसा कदम कब और कैसे उठाएगा।
विश्लेषकों का कहना है कि ईरान फिलहाल परमाणु हथियार हासिल करने की प्रक्रिया में है, और कुछ हफ्तों में इसे बनाने में सक्षम हो सकता है। हालांकि, यह भी संभव है कि ईरान तब तक युद्ध से बचने की कोशिश करेगा जब तक कि वह परमाणु हथियार विकसित नहीं कर लेता। इस पर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं हैं कि ईरान के पास पहले से परमाणु हथियार हैं, लेकिन यह आशंका जरूर जताई जा रही है कि वह जल्द ही इसे हासिल कर सकता है।
अमेरिका और इजरायल के खेल में चुनावी रणनीति?
कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इजरायल इस संघर्ष को खास तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों से ठीक पहले भड़काने की कोशिश कर रहा है। इजरायल की योजना हो सकती है कि वह इस क्षेत्रीय युद्ध के जरिये अमेरिका को सीधे तौर पर इस लड़ाई में घसीट ले। इजरायल की दिलचस्पी खास तौर पर ईरान की ताकत को कम करने में है, जिसमें उसका परमाणु कार्यक्रम भी शामिल है।
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव:
हसन नसरल्लाह की मौत से पश्चिम एशिया में पहले से ही नाजुक स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। हिज्बुल्लाह के समर्थक और ईरान समर्थित अन्य समूह जैसे यमन का हौथी विद्रोही समूह और इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया संगठन भी इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे पूरे क्षेत्र में हिंसा और बढ़ सकती है।
नसरल्लाह की मौत मिडिल ईस्ट के लिए एक निर्णायक क्षण साबित हो सकती है। यह क्षेत्र पहले से ही गंभीर राजनीतिक और सैन्य तनाव से गुजर रहा है, और नसरल्लाह की हत्या से इस संघर्ष में नए मोड़ आ सकते हैं। ईरान का हस्तक्षेप, संभावित परमाणु हथियारों का विकास, और अन्य समूहों द्वारा जवाबी हमले पूरे क्षेत्र को एक बड़े संघर्ष की ओर धकेल सकते हैं।
फिलहाल यह देखना बाकी है कि इजरायल और ईरान दोनों अपनी अगली चाल क्या चलते हैं, लेकिन इस घटना ने निश्चित रूप से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है।