Israel Iran War:-ईरान और इजरायल के बीच हालिया तनाव ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। यह तब शुरू हुआ जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई, जाने पूरी खबर ? 

Israel Iran War:-ईरान और इजरायल के बीच हाल की घटनाओं ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। शनिवार की सुबह, जब ईरान सो रहा था, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली सैनिकों के साथ बंकर में बैठकर एक बड़ा हमला करने की योजना बनाई। इजरायल ने अपने करीब 100 एफ-35 फाइटर जेट्स को तैनात कर, ईरान की सरजमीं पर हमला किया। ये फाइटर जेट्स बेहद एडवांस तकनीक से लैस हैं, जो रडार की पकड़ से बच सकते हैं। इस हमले की योजना इजरायल ने इतनी गोपनीय रखी कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई।
ईरान और खामनेई की warning
इजरायल के इस अचानक हमले के बाद ईरान की सरकार ने शुरुआत में इस हमले को नकारते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा प्रणाली ने सभी इजरायली हमलों को असफल कर दिया है। लेकिन बाद में, ईरान ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दिखाया गया कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने इजरायली हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और तेहरान के आसपास के इलाके में इजरायली ड्रोन को निशाना बनाकर गिरा दिया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि ईरान ने अपनी सुरक्षा मजबूत रखी है।
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ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने इस घटना के बाद इजरायल को चेतावनी दी कि वह इस हमले के परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। खामनेई का यह बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया। उनकी चेतावनी के बाद यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि अब ईरान जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस चुका है।
ईरान का ‘ऑपरेशन ट्रू-प्रॉमिस-3’
जानकारों का मानना है कि ईरान अब एक बड़े स्तर पर इजरायल के खिलाफ जवाबी हमला कर सकता है, जिसे वह ‘ऑपरेशन ट्रू-प्रॉमिस-3’ का नाम दे सकता है। यह ऑपरेशन पिछली बार की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली हो सकता है। कहा जा रहा है कि इस बार ईरान 1000 से 2000 तक मिसाइलें तैनात कर सकता है। पिछली बार जब ईरान ने इजरायल पर हमला किया था, तब उसने 200 मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। लेकिन इस बार की तैयारी पहले से कई गुना बड़ी लग रही है।
नाटो का बयान और पश्चिमी देशों की हालत
ईरान की इस धमकी और संभावित जवाबी कार्रवाई के बाद नाटो (NATO) ने एक सख्त बयान जारी किया है। नाटो ने साफ कहा कि यदि इजरायल पर कोई हमला होता है, तो इसे पश्चिमी देशों पर हमला माना जाएगा। इसका मतलब है कि अगर ईरान इजरायल पर हमला करता है, तो उसे नाटो देशों से कड़ा जवाब मिल सकता है। यह बयान पश्चिमी देशों की इजरायल के प्रति मजबूत समर्थन को दर्शाता है और यह भी संकेत देता है कि यदि संघर्ष बढ़ा, तो यह केवल इजरायल और ईरान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो सकता है।
असर
इस घटनाक्रम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मच गई है। कई देशों ने शांति की अपील की है और इसे एक खतरनाक मोड़ मानते हुए दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस टकराव ने उग्र रूप ले लिया, तो इसका असर पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र पर पड़ सकता है, जिससे तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।
इस पूरे मामले ने पश्चिमी देशों और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है। जहां एक ओर ईरान ने अपने बचाव को दिखाने के लिए वीडियो जारी किया है, वहीं दूसरी ओर इजरायल ने अपने कदम को सही ठहराने के लिए पश्चिमी समर्थन का हवाला दिया है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या नतीजा निकलता है, और क्या ईरान वास्तव में अपनी धमकी पर अमल करता है।