IUML( Indian Union Muslim League) :-सीएए के लागु होने के बाद कुछ लोग इसका विरोध करने लग गए है , इसलिए आयूएमल का मानना है की इसको केवल धार्मिक के आधार पर इसको लागु किया गया है , जाने पूरी खबर।
IUML on CAA:-सीएए की अधिसूचना 11 मार्च 2024 को लागु कर दिया गया था इसके बाद कुछ लोगो के द्वारा इसका विरोध किया गया था इसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने भी इसके रोकने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी है। इसका मानना है की नागरिकता संशोधन नियम, 2024 को केवल धार्मिक आधार और पहचान के लिए इसको लागु किया है। इसको केवल एक वर्ग के पक्ष में ही इसको लाभ मिलने वाला है , जो की संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है.
इसके अंदर यह प्रावधान है की किसी भी नियम को रोकने के लिए लगभग 250 याचिकाएं शीर्ष अदालत के सामने रखनी पड़ती है , जिससे वो कानून (सीएए ) असंवैधानिक माना जाता है।
सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019) के अंदर उन लोगो को नागरीयता मिलेगी जो साल 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले लोग पाकिस्तान , बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत के अंदर आए थे। यह कानून जब साफ़ होगा जब तक न्यायालय इस मामले कोई फैसला नहीं कर देता।