Janambhoomi & Eidgah:-हाईकोर्ट के इस फैसले से मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। अब हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर आगे की सुनवाई हो सकेगी, जाने पूरी खबर ?
Janambhoomi Eidgah Allahabad High Court:-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष को एक बड़ी राहत दी है। यह विवाद लंबे समय से चल रहा है और इसमें दोनों पक्षों के बीच गहरा संघर्ष है।
हाईकोर्ट का फैसला
गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस मयंक कुमार जैन कर रहे थे, ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं को सुनवाई के लायक माना। हिंदू पक्ष की तरफ से 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें मुख्य मांग यह थी कि शाही ईदगाह मस्जिद को श्री कृष्ण जन्म स्थान के रूप में मानकर उसे हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके अलावा, विवादित परिसर में हिंदुओं को पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की भी मांग की गई थी।
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मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां
मुस्लिम पक्ष ने इन याचिकाओं की पोषणीयता को चुनौती देते हुए कई दलीलें पेश की थीं। उन्होंने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदू पक्ष की याचिकाएं खारिज की जानी चाहिए। मुस्लिम पक्ष ने भारतीय कानून के विभिन्न एक्ट्स का हवाला देते हुए अपने तर्क प्रस्तुत किए:
- प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट: मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह एक्ट धार्मिक स्थलों पर विवादों को सुलझाने के लिए है और इसकी रोशनी में इस विवाद की सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
- वक्फ एक्ट: इस एक्ट के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को वक्फ संपत्ति मानते हुए इसका विवाद हल नहीं किया जा सकता।
- लिमिटेशन एक्ट: मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि हिंदू पक्ष की याचिकाएं समयसीमा के बाहर दाखिल की गई हैं।
- स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट: इसके तहत मस्जिद की विवादित संपत्ति पर कब्जे को चुनौती नहीं दी जा सकती।
हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इन दलीलों को खारिज कर दिया और हिंदू पक्ष की याचिकाओं को सुनवाई के योग्य माना। इससे पहले, कोर्ट ने 31 मई को अपने फैसले को रिजर्व कर लिया था, जिसका अब परिणाम सामने आया है।
आगे की प्रक्रिया
हाईकोर्ट के इस फैसले का मतलब है कि मथुरा के मंदिर-मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर आगे की सुनवाई होगी। यह विवाद अयोध्या विवाद की तर्ज पर हाईकोर्ट में सुना जाएगा। इस प्रकार, यह मामला अब एक कानूनी प्रक्रिया के तहत विचार किया जाएगा, जो लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा कर रहा था।
सुनवाई के दौरान, हिंदू पक्ष ने विवादित परिसर का अयोध्या के राम मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर सर्वेक्षण कराए जाने की भी मांग की है। इसके अलावा, 18 याचिकाओं में से 15 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है, जबकि तीन याचिकाओं को अलग किया गया है।
यह निर्णय मथुरा के इस विवाद को एक नई दिशा देगा और इसके समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।