Maha Kumbh 2025 की तैयारियों के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है। सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पा चुके इंजीनियर बाबा अभय सिंह, जिन्हें अक्सर IIT बाबा के नाम से भी जाना जाता है, जाने ऐसा क्यों किया इसके साथ ? 

Maha Kumbh 2025:-महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच एक विवाद ने सभी का ध्यान खींचा है। सोशल मीडिया पर चर्चा में रहने वाले इंजीनियर बाबा अभय सिंह, जिन्हें आमतौर पर IIT बाबा कहा जाता है, को शनिवार को जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया। अखाड़े ने यह कार्रवाई बाबा द्वारा गुरु और संन्यास परंपरा के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर की है।
कौन हैं इंजीनियर बाबा अभय सिंह?
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है। वह मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल और मीडिया बयानों के अनुसार, उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
परिवार के मुताबिक, लगभग 11 महीने पहले अभय सिंह अचानक घर छोड़कर संन्यास का रास्ता अपना चुके थे। इसके बाद परिवार का उनसे संपर्क टूट गया। महाकुंभ 2025 में उनका वीडियो वायरल होने के बाद उनके पिता कर्ण सिंह प्रयागराज पहुंचे, लेकिन तब तक अभय सिंह वहां से जा चुके थे।
निष्कासन की वजह क्या है?
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के सचिव और प्रमुख संत हरि गिरि जी महाराज ने मीडिया को बताया कि:
- अभय सिंह ने गुरु और माता-पिता के खिलाफ अनुचित और अपमानजनक बयान दिए थे।
- उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा का उल्लंघन किया, जो कि सनातन धर्म और संन्यास की मूल परंपराओं के खिलाफ है।
- अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है, और इसका पालन न करने वाला व्यक्ति अखाड़े में स्थान नहीं पा सकता।
बाबा के बयान
इंजीनियर बाबा ने एक चैनल के इंटरव्यू में कहा था कि:
- बचपन से ही उन्होंने अपने माता-पिता के बीच झगड़े देखे, जिससे उनके मन में गृहस्थ जीवन के प्रति वैराग्य का भाव पैदा हुआ।
- उन्होंने यह भी कहा कि अगर झगड़ा ही करना है, तो शादी क्यों की जाती है।
- बाबा ने बयान दिया कि माता-पिता भगवान से बड़े नहीं हो सकते, जो सनातन परंपरा और मूल्यों के खिलाफ माना गया।
- इसके अलावा, उन्होंने अपने गुरु के बारे में भी अमर्यादित बातें कहीं।
इन बयानों से जूना अखाड़े के संतों और अनुयायियों में नाराजगी बढ़ गई, जिसके बाद अखाड़े की अनुशासन समिति ने कार्रवाई की।
अखाड़े का रुख
अखाड़े ने इस मामले को लेकर शनिवार को एक बैठक की। पंच परमेश्वर की समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि:
- अभय सिंह को जूना अखाड़े से निष्कासित किया जाए।
- उनके अखाड़ा शिविर और आस-पास के क्षेत्रों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए।
संत हरि गिरि जी ने कहा:
“गुरु का सम्मान करना और परंपरा का पालन करना हर संन्यासी का कर्तव्य है। गुरु के प्रति असम्मान का अर्थ है धर्म और परंपरा का अपमान। जूना अखाड़े में अनुशासन सर्वोपरि है, और इसे तोड़ने वाले का कोई स्थान नहीं है।”
सोशल मीडिया
इंजीनियर बाबा सोशल मीडिया पर खासे चर्चित थे। उनके महाकुंभ 2025 के वीडियो वायरल होने के बाद लोग उन्हें IIT बाबा कहने लगे। वह अपनी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि और संन्यास जीवन को लेकर चर्चाओं में बने रहे।
परिवार का क्या कहना है?
उनके पिता कर्ण सिंह ने मीडिया को बताया कि अभय सिंह 11 महीने पहले अचानक घर छोड़कर चले गए थे। परिवार को इस बात की जानकारी थी कि उन्होंने संन्यास धारण कर लिया है, लेकिन वह कहां हैं, इसका पता नहीं था।
निष्कासन के बाद क्या होगा?
अब जब अभय सिंह जूना अखाड़े से निष्कासित हो गए हैं, वह किसी भी अखाड़े से जुड़े संत नहीं रह गए हैं। हालांकि, उनके भविष्य को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।