MahaKumbh 2025:-महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ है और इसका समापन 26 फरवरी को होगा। 45 दिनों तक चलने वाले इस विशाल आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु संगम तट……… जाने ? 

MahaKumbh 2025:-महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ है और इसका समापन 26 फरवरी को होगा। 45 दिनों तक चलने वाला यह आयोजन भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करने आते हैं। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान का महत्व भारतीय धर्म और संस्कृति में बहुत अधिक माना जाता है।
मांस और शराब
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। यह प्रतिबंध सिर्फ मेला क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के 500 मीटर के दायरे में आने वाले सभी मोहल्लों में लागू है। इनमें कीडगंज, अरैल, झूंसी, दारागंज, अलोपीबाग, मधवापुर, शंकरघाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, छतनाग, बलुआघाट, द्रोपदी घाट, फाफामऊ, गोविंदपुर, मुट्ठीगंज, बघाड़ा, और सादियाबाद जैसे इलाके शामिल हैं।
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम बनाए हैं कि मेला क्षेत्र के श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। अगर कोई शराब पीकर सार्वजनिक स्थान पर पकड़ा जाता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना 50,000 रुपये तक हो सकता है।
प्रशासन की तैयारियां
इस बार महाकुंभ मेला क्षेत्र का विस्तार 4000 हेक्टेयर से अधिक में किया गया है, जो पिछली बार के 3200 हेक्टेयर से कहीं बड़ा है। इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिन पर श्रद्धालु किसी भी समस्या की शिकायत कर सकते हैं।
प्रयागराज नगर निगम ने सभी प्रतिबंधों को लागू करने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं। इन टीमों का काम यह सुनिश्चित करना है कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में मांस और शराब की बिक्री बिल्कुल न हो। इसके अलावा, स्वच्छता और सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रशासन की तरफ से कुछ खास निर्देश दिए गए हैं:
- सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का पालन करें।
- अगर किसी तरह की परेशानी हो, तो हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल करें।
- मेला क्षेत्र और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई बनाए रखें।
महाकुंभ की धार्मिक और सांस्कृतिक
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है। यह भारतीय सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है, जिसका उद्देश्य मानव जीवन को धर्म, संस्कार और आस्था से जोड़ना है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ के दौरान संगम में स्नान से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का यह स्वरूप भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। इस आयोजन में सरकार और प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को एक सकारात्मक और सुखद अनुभव मिले।
अगर आप महाकुंभ जाने की योजना बना रहे हैं, तो प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और इस अद्भुत धार्मिक यात्रा का हिस्सा बनें।