Maharashtra Chunav 2024:-महाराष्ट्र, झारखंड और तीन अन्य राज्यों की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। चुनावी मुकाबले के बीच ध्रुवीकरण की दो खबरें सामने आई हैं, जाने इसके बारे में ?
Maharashtra & Jharkhand Chunav 2024:-महाराष्ट्र और झारखंड समेत 5 राज्यों की 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले सियासी माहौल बेहद गर्म हो गया है। चुनाव प्रचार और वोटिंग से ठीक पहले दो घटनाएं सामने आई हैं, जो ध्रुवीकरण और सियासी खेल की ओर इशारा करती हैं।
अबू आजमी और मुफ्ती सलमान अज़हरी की मुलाकात
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी ने विवादास्पद इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती सलमान अज़हरी से मुलाकात की है। इस मुलाकात का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसे अबू आजमी ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया। इस वीडियो में अबू आजमी, चुनाव में समर्थन मांगते नजर आ रहे हैं।
मुफ्ती सलमान अज़हरी को इस साल की शुरुआत में गुजरात पुलिस ने हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तार किया था। जनवरी में जूनागढ़ के एक कार्यक्रम में उन्होंने कथित तौर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। उनके विवादित बयानों के कारण वे पहले भी विवादों में रहे हैं।
अबू आजमी की इस मुलाकात को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाविकास अघाड़ी (MVA) पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुलाकात को “वोट जिहाद” का हिस्सा बताया है और कहा है कि महाविकास अघाड़ी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे इस तरह की विचारधारा का समर्थन करते हैं या नहीं।
सपा का चुनाव
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है। सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं की पहचान के लिए उनका बुर्का न हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस और चुनाव अधिकारियों को मुस्लिम मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक करने से बचना चाहिए।
इस मांग पर भी बीजेपी ने सपा को निशाने पर लिया है। पार्टी का कहना है कि सपा धार्मिक आधार पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है और इस तरह की मांगों से चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है।
बीजेपी का तीखा प्रहार
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस पूरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एमवीए पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और महाविकास अघाड़ी का गठबंधन ऐसी ताकतों के साथ खड़ा है, जो गजवा-ए-हिंद जैसे विचारों का समर्थन करती हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या वे इस मुद्दे पर चुप रहेंगे या अपने गठबंधन का समर्थन वापस लेंगे।
पूनावाला ने कहा, “यह वही एमवीए है, जिसने पहले फहाद और स्वरा भास्कर जैसे लोगों के साथ वोट जिहादी सज्जाद नोमानी को समर्थन दिया और अब यह नया मामला।” उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया है।
चुनाव से पहले
महाराष्ट्र में उपचुनाव से ठीक पहले इस तरह की घटनाओं ने सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। दोनों घटनाएं धर्म और राजनीति के मेल की ओर इशारा करती हैं। अबू आजमी और मुफ्ती सलमान अज़हरी की मुलाकात जहां एक तरफ बीजेपी को निशाना साधने का मौका दे रही है, वहीं सपा के पत्र ने चुनाव आयोग और विपक्षी दलों के बीच नई बहस छेड़ दी है।
चुनाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं का चुनावी नतीजों पर सीधा असर पड़ सकता है। धर्म आधारित राजनीति के मुद्दे को बीजेपी जोर-शोर से उठाकर अपने पक्ष में माहौल बना सकती है। वहीं, सपा और एमवीए इन मुद्दों को साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करार देकर खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने की कोशिश कर सकते हैं।
आने वाले दिनों में इन घटनाओं पर पार्टियों की बयानबाजी और तीव्र हो सकती है। चुनाव आयोग की भूमिका भी अहम होगी कि वह इन विवादों को कैसे संभालता है और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है।