महाराष्ट्र सरकार ने रेजिडेंशियल सोसायटी और रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अब अगर आपकी सोसायटी या आसपास कोई शराब की दुकान खुली है और लोग उसे हटाना चाहते हैं,जाने इसके बारे में ? 

Maharashtra Government Wine Law:-अगर आपकी सोसायटी या रिहायशी इलाके में कोई शराब की दुकान खुल गई है और आप इसे हटवाना चाहते हैं, तो अब यह मुमकिन हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने शराब की दुकानों को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, जिससे सोसायटी के लोगों को ज्यादा अधिकार मिलेंगे।
शराब की दुकान के लिए सोसायटी की मंजूरी जरूरी
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एक्साइज मिनिस्टर अजित पवार ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी रेजिडेंशियल सोसायटी में शराब या वाइन शॉप खोलने के लिए सोसायटी की NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) अनिवार्य होगी। यानी, अगर सोसायटी के लोग इस दुकान को खुलने नहीं देना चाहते, तो वह इसे रोक सकते हैं।
कैसे हटेगी शराब की दुकान?
अगर किसी इलाके में लोगों को लगता है कि वहां शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए, तो अब वे सरकार से इसकी शिकायत कर सकते हैं। सरकार एक सर्वे करवाएगी, जिसमें लोगों की राय ली जाएगी।
सर्वे के नियम:
- अगर 25% लोग यह कहते हैं कि उस इलाके में शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए, तो वहां सर्वे करवाया जाएगा।
- अगर 75% लोग इस सर्वे में दुकान के खिलाफ वोट करते हैं, तो सरकार उस दुकान का लाइसेंस रद्द कर सकती है।
1972 के बाद नई शराब की दुकानों की अनुमति नहीं
अजित पवार ने बताया कि महाराष्ट्र में साल 1972 के बाद से सरकार ने शराब की नई दुकानों के लाइसेंस जारी नहीं किए हैं। हालांकि, कुछ पुरानी दुकानों को नए इलाकों में शिफ्ट करने की अनुमति दी जाती है।
शराब की दुकान शिफ्ट करने के लिए भी कड़े नियम
- शहरों में: अगर किसी दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करना है, तो पुलिस की मंजूरी और नगर निगम (Municipal Corporation) की NOC लेनी होगी।
- ग्रामीण इलाकों में: वहां दुकान शिफ्ट करने के लिए ग्राम सभा की मंजूरी अनिवार्य होगी।
सोसायटी को मिलेगा ज्यादा अधिकार
अजित पवार ने विधानसभा में कहा कि शहरों में नई हाउसिंग सोसायटियां बन रही हैं, लेकिन कानून में अभी तक इस पर कोई स्पष्ट नियम नहीं था। अब सरकार कानून में बदलाव करने जा रही है, जिससे सोसायटी यह तय कर सकेगी कि उसे अपने इलाके में किस तरह की दुकानें चाहिए और किस तरह की नहीं।
सरकार का मानना है कि कोई भी दुकान लोगों की सहमति से ही खुले, खासकर शराब की दुकानें, जिनका असर समाज पर पड़ता है। इसलिए अगर लोग शराब की दुकान नहीं चाहते, तो अब वे इसे रुकवा सकते हैं या बंद करवा सकते हैं।
अगर आपकी सोसायटी में भी कोई शराब की दुकान खुली है और आप इसे हटवाना चाहते हैं, तो आप अपनी सोसायटी के लोगों से बातचीत करें, शिकायत दर्ज करवाएं और सर्वे की मांग करें। सरकार ने साफ कर दिया है कि जनता की राय को प्राथमिकता दी जाएगी।