ये पूरी घटना यवतमाल के चौसाला इलाके की है। 15 मई को वहां के जंगल में एक जला हुआ शव मिला था। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो ये कोई आम हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या निकली।
पुलिस को जानकारी मिली कि इलाके के ही एक शख्स की कुछ दिनों से कोई खबर नहीं है। जब पुलिस ने उसके परिवार और जानने वालों से बात की, तो शक की सुई उसकी पत्नी पर जाकर टिक गई। पहले तो महिला ने इधर-उधर की बातें कीं, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गई और पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
पति करता था मारपीट और ब्लैकमेल
महिला ने बताया कि उसका पति अक्सर उससे मारपीट करता था। इतना ही नहीं, उसने महिला के कुछ अश्लील वीडियो भी बना लिए थे, जिन्हें दिखाकर वह उसे ब्लैकमेल करता था। ये सब झेलते-झेलते वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुकी थी।
एक दिन उसने ठान लिया कि अब और नहीं सहा जाएगा। उसने एक प्लान बनाया और अपने पति को बनाना शेक में ज़हर मिलाकर पिला दिया। जब पति की मौत हो गई, तो उसकी लाश से छुटकारा पाने के लिए उसने और भी खतरनाक कदम उठाया।
छात्रों से ली मदद, जंगल में जलाया शव
महिला घर पर ट्यूशन भी पढ़ाती थी। उसने अपने तीन ट्यूशन के छात्रों को विश्वास में लिया और उन्हें इस पूरी योजना में शामिल कर लिया। रात के अंधेरे में महिला इन तीनों बच्चों को साथ लेकर पति की लाश को चौसाला के जंगल में ले गई। वहां उसने पेट्रोल छिड़ककर शव को आग के हवाले कर दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके।
लेकिन जंगल में जलती लाश की खबर फैल गई और कुछ ही घंटों में पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने जब तफ्तीश शुरू की तो एक-एक परत खुलती गई और कुछ ही दिनों में पूरी सच्चाई सामने आ गई।
पुलिस ने महिला को किया गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और तीनों नाबालिग छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी यह जांच जारी है कि क्या महिला ने यह प्लान पहले से बनाया था या अचानक गुस्से में आकर यह कदम उठाया।
इलाके में फैली सनसनी
इस खौफनाक वारदात ने पूरे यवतमाल जिले को दहला दिया है। एक तरफ जहां महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, वहीं दूसरी तरफ उसने जो कदम उठाया, उसने सबको हैरान कर दिया। लोग इस बात से भी सदमे में हैं कि एक शिक्षिका, जो बच्चों को पढ़ाने का काम करती थी, वह इतनी बड़ी साजिश रच सकती है और मासूम बच्चों को उसमें शामिल कर सकती है।
पुलिस फिलहाल यह जानने में जुटी है कि महिला ने जिन छात्रों की मदद ली, उन्हें किस हद तक सच्चाई का पता था और क्या वे मजबूरी में शामिल हुए या उन्हें लालच दिया गया था। साथ ही, महिला के पति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और ज़हर के प्रकार की जांच भी की जा रही है।
यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि घरेलू हिंसा, मानसिक शोषण, और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे कई गंभीर मुद्दों को सामने लाता है। पुलिस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर देती है कि जब घरेलू हिंसा और मानसिक शोषण हद से पार हो जाता है, तो उसका अंजाम कितना भयानक हो सकता है। लेकिन कानून अपने हाथ में लेना भी किसी समस्या का हल नहीं है। अब देखना यह है कि कोर्ट इस पूरे मामले में क्या फैसला सुनाता है और तीन नाबालिग छात्रों की जिंदगी का भविष्य क्या होगा।