Maharashtra:-महाराष्ट्र के अमरावती जिले से एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है, जिसमे एक बुजुर्ग के साथ कुछ शर्मनाक घटना हुई है जाने इसके बारे में ? 

Maharashtra Case:-महाराष्ट्र के अमरावती जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां 77 साल की बुजुर्ग महिला को काला जादू करने के शक में बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। महिला को लोहे की छड़ी से पीटा गया और अमानवीय तरीके से पेशाब पीने और कुत्ते का मल खाने के लिए मजबूर किया गया।
घटना
यह दर्दनाक घटना 30 दिसंबर 2024 की रात चिखलदारा तालुका के रेत्याखेड़ा गांव की है।
- क्या हुआ था?
उस रात बुजुर्ग महिला घर पर अकेली थीं। उसी दौरान उनके पड़ोसी अचानक घर में घुस आए और उन पर काला जादू करने का आरोप लगाने लगे। - शारीरिक हिंसा:
पड़ोसियों और गांव के कुछ लोगों ने मिलकर महिला को पकड़ लिया। शिकायत के अनुसार,- उन्हें लाठियों और लोहे की छड़ी से मारा गया।
- थप्पड़-घूंसे भी मारे गए।
- उनके हाथ-पैरों पर लोहे की छड़ी से वार किया गया।
- अमानवीय कृत्य:
महिला को जबरन पेशाब पीने और कुत्ते का मल खाने के लिए मजबूर किया गया।- उनके गले में जूते-चप्पल की माला डालकर गांव में घुमाया गया।
- इस पूरी घटना के दौरान महिला को लगातार अपमानित किया गया।
पुलिस शिकायत
- महिला के बेटे और बहू उस समय काम के सिलसिले में गांव से बाहर थे। जब उन्हें घटना का पता चला, तो उन्होंने 5 जनवरी 2025 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस का बयान
अमरावती के पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“यह घटना बेहद गंभीर है और इसे हल्के में नहीं लिया जाएगा।”
- जांच प्रक्रिया:
- पुलिस ने रेत्याखेड़ा गांव की स्थिति की जांच के लिए एक टीम को भेजा है।
- यह भी देखा जाएगा कि जिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी, वहां के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया या नहीं।
- अगर थाने की तरफ से कोई लापरवाही या घटना को छिपाने की कोशिश हुई होगी, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक का संदेश
पुलिस अधीक्षक ने कहा,
“पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। जंगल के अंदरूनी इलाके में स्थित इस गांव में ऐसी घटना होना चिंताजनक है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले।”
यह घटना केवल एक कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि समाज में अंधविश्वास और कुरीतियों की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका उदाहरण है। इस घटना ने न केवल महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से आहत किया है, बल्कि समाज के लिए भी एक सवाल खड़ा कर दिया है।
अंधविश्वास के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत
इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि अंधविश्वास और काला जादू को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना कितना जरूरी है। राज्य सरकार को सख्त कानूनों के साथ-साथ शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
पुलिस से यह उम्मीद की जा रही है कि
- दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
- पीड़ित महिला को सुरक्षा और न्याय दिलाया जाएगा।
- ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
यह घटना एक कड़वा सच है कि आज भी अंधविश्वास के नाम पर बर्बरता की घटनाएं हो रही हैं। समाज को एकजुट होकर इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठानी होगी।