Microsoft Chip:-माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि उसने पदार्थ की एक नई अवस्था (New State of Matter) तैयार की है, जो क्वांटम कंप्यूटर को और भी शक्तिशाली बना सकती है। जाने इसके बारे में ? 

Microsoft :-क्या आपने कभी सोचा है कि कंप्यूटर इतनी तेज़ी से कैसे काम करता है? और क्या होगा अगर हम एक ऐसा कंप्यूटर बना लें जो आज के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर से भी करोड़ों गुना तेज हो? माइक्रोसॉफ्ट ने इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उनका दावा है कि उन्होंने पदार्थ की एक नई अवस्था (New State of Matter) खोजी है, जो क्वांटम कंप्यूटर को पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर बना सकती है।
इस नई खोज के चलते हम ऐसी दवाएं बना सकते हैं जो बीमारियों को जड़ से खत्म कर दें, जलवायु परिवर्तन को सटीक रूप से समझ सकते हैं, और यहां तक कि एक ऐसा नेटवर्क भी बना सकते हैं जिसे कोई हैक नहीं कर पाएगा। माइक्रोसॉफ्ट का यह दावा तकनीक की दुनिया में हलचल मचा रहा है, और यह हमें भविष्य की एक झलक देता है जहां क्वांटम कंप्यूटर हमारे रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह बदल सकते हैं।
पदार्थ की तीन नहीं, बल्कि नई अवस्थाएं!
जब हम स्कूल में पढ़ते हैं, तो हमें बताया जाता है कि पदार्थ की तीन अवस्थाएं होती हैं – ठोस (Solid), तरल (Liquid) और गैस (Gas)। लेकिन क्या हो अगर कोई आपसे कहे कि पदार्थ की एक नई अवस्था भी हो सकती है?
माइक्रोसॉफ्ट के वैज्ञानिकों ने पदार्थ के इस नए रूप पर काम किया है और इसे “टोपोलॉजिकल क्यूबिट” (Topological Qubit) नाम दिया है। यह क्वांटम कंप्यूटर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक को हल करने में मदद कर सकता है – “त्रुटियों को कम करना” (Error Reduction)।
आइए इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
- अगर आप एक साधारण कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसमें हर चीज़ 0 और 1 के रूप में स्टोर होती है।
- लेकिन क्वांटम कंप्यूटर में “क्यूबिट्स” (Qubits) होते हैं, जो 0 और 1 दोनों हो सकते हैं, और वह भी एक ही समय में। इसे सुपरपोजिशन (Superposition) कहते हैं।
- लेकिन क्यूबिट्स बहुत अस्थिर होते हैं और ज़रा सी गड़बड़ी होने पर गलतियां करने लगते हैं।
- टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स इस समस्या का हल निकाल सकते हैं क्योंकि इनमें जानकारी सीधे परमाणुओं में नहीं, बल्कि पदार्थ की संरचना में स्टोर होती है।
इसे इस तरह समझिए कि अगर आपके पास एक रबर बैंड है, तो आप उसे खींच सकते हैं, मोड़ सकते हैं, लेकिन जब तक आप उसे तोड़ते नहीं हैं, तब तक उसकी मूल संरचना नहीं बदलेगी। टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स इसी सिद्धांत पर काम करते हैं – वे अधिक स्थिर होते हैं और कम गलतियां करते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर क्यों है खास?
आपके फोन या लैपटॉप में जो सामान्य कंप्यूटर चिप लगी होती है, वह एक समय में केवल एक समस्या को हल कर सकती है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर एक साथ लाखों समस्याओं को हल कर सकता है। यही वजह है कि यह तकनीक इतनी महत्वपूर्ण है।
क्वांटम कंप्यूटर के सुपरपावर:
✅ अत्यधिक जटिल गणनाएं सेकंडों में हल कर सकता है।
✅ क्लासिकल कंप्यूटर के मुकाबले बहुत अधिक तेज।
✅ दवा अनुसंधान, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में क्रांति ला सकता है।
✅ ऐसा नेटवर्क बना सकता है जिसे हैक करना लगभग असंभव हो।
गूगल ने भी 2019 में दावा किया था कि उनके क्वांटम कंप्यूटर ने एक गणना को मात्र 5 मिनट में हल कर लिया, जबकि दुनिया का सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर इसे करने में लाखों साल लगा देता। माइक्रोसॉफ्ट की यह नई खोज इस दौड़ में उसे गूगल से आगे ले जा सकती है।
क्वांटम कंप्यूटिंग में कौन-कौन से देश आगे हैं?
क्वांटम कंप्यूटर कोई साधारण टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि यह भविष्य की सबसे बड़ी क्रांति हो सकती है। इसलिए कई देश और कंपनियां इसमें भारी निवेश कर रही हैं।
1. अमेरिका 🇺🇸
- गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम जैसी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर विकसित कर रही हैं।
- अमेरिकी सरकार ने भी इसमें अरबों डॉलर का निवेश किया है।
2. यूरोप 🇪🇺
- यूरोपीय संघ ने Quantum Technology Flagship Program शुरू किया है, जिसके तहत 10 साल में 1 बिलियन यूरो खर्च किए जाएंगे।
- जर्मनी, फ्रांस, और यूके भी इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं।
3. चीन 🇨🇳
- चीन ने क्वांटम रिसर्च में जबरदस्त निवेश किया है और वह दुनिया में सबसे पहले क्वांटम संचार उपग्रह लॉन्च करने वाला देश है।
- चीनी वैज्ञानिकों ने Quantum Supremacy के कई प्रयोग किए हैं।
4. भारत 🇮🇳
- भारत सरकार ने क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए 8000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
- IIT मद्रास और TIFR जैसी संस्थाएं इस पर रिसर्च कर रही हैं।
- भारत ने हाल ही में अपना क्वांटम सिम्युलेटर “QSim” लॉन्च किया है।
क्वांटम कंप्यूटर से हमें क्या फायदा होगा?
🚀 दवा की खोज में क्रांति: नई बीमारियों के लिए दवा बनाना आसान और तेज हो जाएगा।
🌍 जलवायु परिवर्तन की भविष्यवाणी: हमें ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के लिए सटीक डेटा मिलेगा।
💰 फाइनेंशियल मॉडलिंग: शेयर बाजार और आर्थिक गणनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
🧠 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: AI को और अधिक उन्नत और बुद्धिमान बनाया जा सकेगा।
🔐 सुपर-सिक्योर इंटरनेट: एक ऐसा इंटरनेट नेटवर्क तैयार किया जा सकेगा जिसे हैक करना नामुमकिन होगा।
हालांकि माइक्रोसॉफ्ट की यह खोज बहुत बड़ी मानी जा रही है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों को अब भी संदेह है कि क्या वास्तव में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल कर ली है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पूरी तरह से कार्यात्मक क्वांटम कंप्यूटर विकसित होने में अभी कई दशक लग सकते हैं।
लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि “यह तकनीक दशकों दूर नहीं, बल्कि कुछ वर्षों में ही साकार होगी।”
अगर माइक्रोसॉफ्ट का यह दावा सच साबित होता है, तो यह AI और कंप्यूटिंग की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव होगा।