Monkeypox :-विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही मंकिपॉक्स के बारे में बता दिया है की यह संक्रमण इंसानो के लिए खतरनाक माना गया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. आएगे जानते है इसके बारे में….
Monkeypox Alert:-देशभर में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मामलों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह बीमारी, जो मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाई जाती है, अब वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गई है। इस संदर्भ में दिल्ली सरकार ने अपने स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करते हुए राजधानी के तीन प्रमुख अस्पतालों को एमपॉक्स के संदिग्ध और कंफर्म मामलों के प्रबंधन के लिए विशेष तैयारी करने का निर्देश दिया है।
एमपॉक्स के संदिग्ध और कंफर्म मामलों के लिए अस्पतालों की तैयारी
दिल्ली सरकार ने लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल को एमपॉक्स के प्रबंधन के लिए नोडल अस्पताल के रूप में नामित किया है। इसके अलावा, गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल को भी इस बीमारी के संदिग्ध और कंफर्म मामलों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
एलएनजेपी अस्पताल में एमपॉक्स के संदिग्ध और कंफर्म मरीजों के लिए 20 आइसोलेटेड कमरे बनाए जा रहे हैं। इनमें से 10 कमरे कंफर्म मामलों के लिए होंगे, जबकि बाकी 10 कमरे संदिग्ध मामलों के लिए तैयार किए जाएंगे। इसी प्रकार, जीटीबी अस्पताल और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में 10-10 आइसोलेटेड कमरे कंफर्म मामलों के लिए और 5-5 कमरे संदिग्ध मामलों के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
बदलापुर स्टेशन जला बदले के रूप में , की गई बच्ची के साथ दरिंदगी।
अब तक कोई मामला नहीं, लेकिन सतर्कता जारी
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि अब तक एमपॉक्स का कोई भी मामला राजधानी में सामने नहीं आया है। हालांकि, सरकार ने पूरी सतर्कता बरतते हुए तैयारी पूरी कर ली है। अधिकारियों के अनुसार, घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और आवश्यक संसाधनों को तैयार कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी और वैश्विक परिप्रेक्ष्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में एमपॉक्स के 99,176 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 208 मौतें हुई हैं। खासकर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में, जैसे कि कांगो, में एमपॉक्स के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
भारत में भी इस बीमारी के 30 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से आखिरी मामला मार्च 2024 में रिपोर्ट किया गया था। हालांकि, देश में वर्तमान में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य तंत्र को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से एमपॉक्स के मामलों को लेकर उठाए गए ये कदम शहर में संभावित प्रकोप से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति का हिस्सा हैं। अस्पतालों की तैयारी, आइसोलेटेड कमरे, और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता यह सुनिश्चित करती है कि यदि कोई मामला सामने आता है तो उसे समय रहते प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सके। हालांकि, अब तक कोई मामला नहीं पाया गया है, फिर भी यह महत्वपूर्ण है कि लोग इस बीमारी के लक्षणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक रहें।
इस प्रकार, एमपॉक्स के संभावित खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार की यह तैयारी नागरिकों को सुरक्षित रखने और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।